शिल्पग्राम में तेराताल नृत्य कार्यशाला प्रारम्भ
उदयपुर। मेवाड़ तथा मारवाड़ में बाबा रामदेव की उपासक कामड़ जाति के प्रसिद्ध तेराताल नृत्य में प्रदर्शनात्मक सुधार लाने तथा इस शैली के संगीतीय पक्ष, नृत्य पक्ष को सुदृ़ढ़ व श्रवणीय बनाने के लिये पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित ‘‘तेराताल नृत्य कार्यशाला’’ सोमवार से आरंभ हुई।
शिल्पग्राम में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला में मेवाड़ तथा मारवाड़ क्षेत्र से 55 लोक कलाकार भाग ले रहे हैं। इनमें वरिष्ठ व युवाओं के साथ विशेषज्ञ भी शामिल हैं। केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा तथा वरिष्ठ लोक कलाकार दलदास, वखतदास व मोहनदास ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यशाला का शुभारम्भ किया। केन्द्र निदेशक दशोरा ने लोक कलाकारों का कहा कि तेराताल नृत्य शैली को बेहतर प्रदर्शन के योग्य बनाने तथा नई पीढ़ी को इस कला में पारंगत करने के लिये इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
वरिष्ठ तेराताल कलाकार दलदास ने कहा कि मेवाड़ और मारवाड़ के पाली क्षेत्र की इस कला को उभारने तथा इसके विकास व नये कलाकारों को तैयार करने के लिये आयोजित कार्यशाला सराहनीय प्रयास हैं। इससे तेराताल नृत्य शैली को बढ़ावा मिलेगा वहीं इससे नृत्य में व्यापक सुधार आयेगा। कार्यशाला में चौतारा वादन को बेहतर बनाने के लिये लोक भजन गायक महेशाराम को बुलाया गया है वहीं लयकारी के लिये मुश्ताक मांगणियार तथा नृत्य पक्ष को बेहतर बनाने के लिए सुमित्रा कामड़ को बुलाया गया है। कार्यशाला के पहले दिन चौतारा वादकों ने महेशाराम के साथ बैठकर अभ्यास किया वहीं मुश्ताक के साथ ढोलकी की थाप थपकारी।