महाआरती के लिये 300 कार्यकर्त्ताओं का हुआ प्रशिक्षण शिविर
उदयपुर। भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारियों को लेकर व महाआरती के लिए आज 300 कार्यकर्तादओं का प्रषिक्षण षिविर आज आलोक संस्थान के हिरण मगरी सेक्टर – 11 के व्यास सभागार में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि इस अवसर पर कार्यकर्त्ताओं को प्रषिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि आर.एम.वी. रोड़ से कालाजी गोराजी रोड़ तक 30 भागों में कार्यकर्त्ताओं को विभक्त किया गया है जहाँ तीस हजार दीपकों की व्यवस्था की गयी है जो महाआरती के लिये तत्पर रहेंगे। इस आयोजन के लिये कार्यकर्त्ताओं को तुरन्त निर्णय लेने केे लिये तैयार किया जा रहा है जिसमें पाँच मिनिट में दीपकों का वितरण और प्रज्जवलन इसके लिये एक सांकेतिक व्यवस्था बिठाई गयी है। प्रारम्भ में मषाल प्रज्जवलन करने के बाद इस महाआरती का भव्य आयोजन प्रारम्भ होगा।
सीडी का लोकार्पण : मल्टीट्रेक रिकोर्डिंग करके आरती तैयार की गई है जिसकी सीडी का विधिवत् लोकार्पण 26 जून को सांय 6.30 बजे जगदीश मन्दिर में होगा। जगदीष मन्दिर में जो आरती होती है उस दौरान पहली आरती करके इसका लोकार्पण किया जायेगा।
डॉ. कुमावत ने बताया कि इस अवसर पर तीन सौ कार्यकर्त्ता एक ही वेशभूषा में रहेंगे तथा सुरक्षा की दृष्टि से भी कुछ कार्यकर्ताओं को तैयार किया गया है। 30 पानी के ड्रम इस बात के लिये लगाये जायेंगे जिसमे जले हुए दीपक डाले जाएंगे। साथ ही करीब 51 किलो. गुलाब की पत्तियों की पुष्पे वर्षा भी की जाएगी।
विशेष गंगा आरती की तर्ज पर विधिपूर्वक आरती : इस बार विशेष गंगा आरती की तरह आठ बटुक विषेश रूप से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का पूजा सम्पन्न करेंगे बाकी जनता सांकेतिक आरती में सम्मिलित होगी।
रथयात्रा के संयोजक दिनेश मकवाना ने कहा कि आलोक संस्थान के कार्यकर्त्ताओं की वजह से पिछली बार सफल आयोजन रहा वो इस बार और भी अच्छा रहेगा। सेक्टर 7 स्थित भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के भूपेन्द्र सिंह भाटी ने कहा कि आलोक संस्थान की ओर से इस बार विशेष महाआरती होगी। आलोक फतहपुरा के निश्च य कुमावत, विजय सिंह सांखला सहित सारी व्यवस्था को संभालने के लिये शशांक टांक, रेणुकला व्यास, आशा भटनागर को सह संयोजक के रूप में मनोनीत किया गया है। यह निर्णय किया गया कि 29 जून से पहले इसकी रिहर्सल स्थानीय स्तर पर आरएमवी रोड़ पर की जाएगी। आलोक संस्थान के करीब 1200 कार्यकर्ता कार्यक्रम को सफल करने के लिये जुड़े़ हैं।