पांडालों में उमड़े भक्त, पहली रात गरजते हुए बरसे बादल
उदयपुर। काफी अरसे से ठंडा पड़ा मानसून गणेश चतुर्थी की रात सक्रिय हुआ। रात को गरज के साथ शहर के कई इलाकों में बरसात हुई। शनिवार सुबह भी यकायक तेज छींटों के साथ अलग अलग जगह बरसात हुई वहीं मौसम खुशगवार हो गया।
कई दिनों से भीषण उमस ने शहर के बाशिंदों का हाल-बेहाल कर रखा है। हालांकि कल रात और आज सुबह कहीं-कहीं खंड वर्षा हुई। कल रात और आज सुबह हुई बारिश की वजह से सुबह हल्की ठंडक रही लेकिन दिन चढ़ते ही उमस फिर बढ़ गई। मौसम विभाग के अनुसार दिन में 12 बजे तक का तापमान 30 डिग्री था। आसमान में बादल छाए हुए हैं। पिछले 24 घंटों में सिंचाई विभाग के अनुसार जिले में कहीं कहीं छुटपुट बारिश दर्ज की गई जिसमे सबसे अधिक केजड़ 38 मिमी हुई। अमूमन प्रतिवर्ष सितम्बर मध्य तक आसपास के नदी नाले ही नहीं लबालब हो जाने वाली शहर की झीलें भी इस बार झीलें अब तक खाली हैं।
लिंक नहर खोली : सीसारमा से लगातार आवक बानी रहने से कल सिंचाई विभाग ने स्वरुपसागर के लिंक गेट खोल दिए जिससे फतहसागर में पानी की आवक जारी हो गई। पिछोला का जलस्तर 8 फीट 8 इंच था जिसको सात फीट तक खाली किया जाएगा। यदि सीसारमा से पानी की आवक जारी रही तो गेट लगातार खोला जा सकता है। आज सुबह 11 बजे तक फतहसागर का जलस्तर 3 फीट था।
पांडालों में भी विराजे श्रीगणेश
शहर के पांडालों में भी गणेश प्रतिमाओं की स्थापना काफी हर्षोल्लास के साथ की गई। पांडाल में समिति के लोग प्रतिमाओं को लेने जुलूस की शक्ल में गाजे बाजे के साथ गए तथा गणेश की जयकार के साथ प्रतिमाओं को लाकर पांडालों में श्रद्धा के साथ आवश्यक पूजन-अर्चना के साथ उनकी स्थापना की गई। पांडालों के समिति के लोगों ने आकर्षित साज सज्जा के साथ सजाया।
गणेश साथ लाए बारिश : वर्तमान में पानी की कमी से परेशान किसानों की भी गणेश के आगमन के प्रथम दिवस पर ही पानी गिरने से एक उम्मीद जगी है। बीती रात से बरसात का मौसम बनने लगा और देर रात बदरा बरसे। हालांकि बरसात कुछ मिनटों में ही थम गई। आज सुबह ही लगभग सात बजे कुछ देर के लिए बारिश को दौर चला। भक्तों के भरोसा है कि इस बार भगवान श्री गणेश उनके दुखों को हर कर उन्हें प्रगति सुख शंाति एवं समृद्धि प्रदान करेंगे। लोगों में गणेशोत्सव को लेकर काफी उल्लास है तथा भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।