भारी मन से निकले सिंघवी
उदयपुर। आज जहां चन्द्रसिंह कोठारी के लिए महापौर बनने का जीवन का सबसे सुनहरा क्षण था वहीं पूर्व महापौर रजनी डांगी अपने पद से विदाई लेते समय सुबक पड़ीं। उधर मंडल प्रभारियों के निर्देशानुसार सभी पार्षदों से महापौर के लिए कोठारी के समर्थन में पत्र लेने के बाद हुई घोषणा से निराश और मायूस दावेदार पारस सिंघवी का चेहरा भी लटक गया था।
महापौर के प्रबल दावेदार और चुनाव ही महापौर बनने की शर्त पर लड़ने वाले पारस सिंघवी काफी मायूस दिखे। निगम से निकलते समय बहुत संयमित रहते हुए सिंघवी ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि राजनीति में ऐसा ही होता है। वरिष्ठु नेताओं की समझ में जो अच्छाू लगा, वही किया।
हालांकि महापौर चयन समिति में निवर्तमान महापौर रजनी डांगी भी शामिल थीं। जानकारों के अनुसार सिंघवी के महापौर नहीं बनने देने की कवायद उसी दिन से शुरू हो गई थी जब निगम में महापौर रजनी डांगी और सिंघवी के बीच जबरदस्तु हॉट टॉक हुई थी। उसी दिन से डांगी सहित कई पार्षद सिंघवी के विरोध में आ गए थे कि एक महिला से बात करने का सलीका होना चाहिए। वह तैश में की गई बातचीत आज सिंघवी के लिए भारी नुकसान का कारण बन गई। सिंघवी पूरे आत्मविश्वास में थे कि उन्हें महापौर बनाया जाएगा लेकिन कहते हैं कि राजनीति में अधिक उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए।
उधर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सभी पार्षदों ने चंद्रसिंह कोठारी के समर्थन में लिखित में समर्थन पत्र मुझे सौंपे हैं। उसके बाद कोठारी को महापौर घोषित किया गया है। प्रक्रिया किसी दबाव में नहीं हुई है। विश्वास है कि कोठारी शहर के विकास में नये आयाम गढ़ेंगे।
उधर नवनियुक्त महापौर कोठारी ने कहा कि मैं मजदूर संघ से आया हूं। सभी को साथ लेकर चलना आदत में है। सीनियर लीडर्स के मार्गदर्शन में शहर का विकास किया जाएगा। अवैध निर्माण, अतिक्रमणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।