बांस सा हुआ शरीर, रोगी अब खतरे से बाहर
उदयपुर। लोहे से जरा सी चोट लगने से जख्मी हुए रोगी का शरीर तीन दिन पूर्व बांस जैसा कडक़ हो गया लेकिन यदि समय पर उसे उपचार नहीं मिलता तो आज वह इस दुनिया में नहीं होता, लेकिन हिरण मगरी से. 6 स्थित जीवन ज्योति हॉस्पीटल में समय पर उपचार मिल जाने से वह अब खतरे से बाहर है।
जीवन ज्योति हॉस्पीटल के निदेशक दिनेश कटारिया ने बताया कि वल्लभनगर निवासी 45 वर्षीय रूपलाल की 10 दिन पूर्व किसी लोहे की वस्तु से बायें पैर के अंगूठे पर चोट लग गई थी और वह जख्म स्वत: ही ठीक भी हो गया लेकिन 3 दिन पूर्व अचानक उसका शरीर बांस के समान कडक़ हो गया और उसके शरीर में किसी भी प्रकार की हलचल बंद हो गयी। उसके परिजन तुरन्त इस हॉस्पीटल लाए और हॉस्पीटल के वरिष्ठ चिकित्सक फिजिशियन डॉ. महेश भटनागर ने उसका ईलाज प्रारम्भ किया और उसका परिणाम दो दिन में ही दिखाई देने लग गया। अब रोगी आईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत खतरे से बाहर है।
डॉ. महेश भटनागर ने बताया कि टेटेनस जिसे हम आम भाषा में टिटनेस कहते है। यह एक ऐसी बीमारी है जिस हलके में कतई नहीं लेना चाहिये क्योंकि किसी भी प्रकार की चोट लगने पर सर्वप्रथम टेटेनस का टीका लगवाया जाना चाहिये क्योंकि इसके अभाव में लापरवाही बरतने पर रोगी की जान जाने की संभावना 95 प्रतिशत रहती है।