उदयपुर। कभी-कभी हम शरीर के किसी भी भाग पर त्वचा रोग होने या लगातार खुजली होने पर हम उसे सामान्य बीमारी के रूप में लेते है लेकिन वह खुजली या त्वचा रोग जांच कराने पर कई बार गंभीर बीमारी के रूप में सामने सामने आती है। सामान्य रूप में हम त्वचा रोग को शरीर की आन्तरिक बीमारियों का आयना कह सकते है।
यह कहना था चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ.ललित गुप्ता का, जो रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा गुरूवार को रोटरी बजाज भवन में आयोजित ‘शरीर की आन्तरिक बीमारियों का प्रतिरूप’ विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि त्वचा रोग से मधुमेह के 15 से 20 प्रतिशत ऐसे रोगियों का पता लगता है जिन्हें प्रथम बार मधुमेह हुआ है। सुखी त्वचा, खुजली, त्वचा के रंग में परिवर्तन, सूजन, छाले होने पर त्वचा पर उभर कर आये निशान से ब्लड प्रेशर, मधुमेह, थायराईड, हद्य रोग, किडनी रोग, लीवर,एड्स कैन्सर, आदि रोगों का पता लगाया जा सकता है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि एचआईवी के कुल मरीजों में से आधे मरीजों में एचआईवी का पता त्वचा रोग से लगाया जा सकता है। समाज में एचआईवी के प्रति आयी जागरूकता के कारण मरीज स्वयं आगे आकर कहते है कि मुझे एचआईवी है ओर उसका ईलाज कराना है। यह इस रोग को समाप्त करने की दिशा में बहुत बड़ा कदम साबित हो रहा है। खुजली होने के कारण पीलिया की बीमारी का भी पता लगाया जा सकता है। त्वचा में अधिक सूखापन केन्सर की भी निशानी हो सकती है।
सिर के अधिक मात्रा में बालों का झडऩा शरीर में किसी न किसी बीमारी का संकेत देता है। जुबान पर दही जैसी जमावट होना कई बार मधुमेह के लक्षण को दिखाता है। शरीर में लगातार चलने वाली खुजली को हलके में नहीं लेना चाहिये। प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष डॉ. बी.एल.सिरोया ने स्वागत उद्बोधन देते हुए त्वचा रोग पर अपने विचार व्यक्त किये। क्लब सचिव डॉ.नरेन्द्र धींग ने सचिवीय जानकारी दी। प्रारम्भ में श्रीमती दीपक मेहता ने ईश वंदना प्रस्तुत की।