दो दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘अल्फ़ाज़ – 2014’ में ‘कमला’ का मंचन
उदयपुर। नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रामेटिक एंड परफोर्मिंग आर्ट्स, उदयपुर, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड एवं गीतांजलि इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज़ के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘अल्फ़ाज़ – 2014’ की शुरुआत बुधवार शाम हुई। आरम्भ महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया।
मुख्य अतिथियों के रूप में गीतांजलि इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज़ के प्राचार्य ऐ. रमन और विशिष्टट दीपक सुखाड़िया थे। दो दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘अल्फ़ाज़’ के प्रथम दिन नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रामेटिक एंड परफोर्मिंग आर्ट्स की प्रस्तुति नाटक ‘कमला’ का मंचन किया गया जिसका लेखन वरिष्ठ नाटककार विजय तेंदुलकर व निर्देशन अमित श्रीमाली द्वारा किया गया।
नाटक ‘कमला’ एक ऐसी लड़की पर आधारित है जिसे किसी पत्रकार द्वारा ख़रीदा जाता है। यह बहुत आश्चर्यजनक बात है कि हमारे समाज में एक इंसान को ख़रीदा और बेचा भी जा सकता है। हालांकि वो पत्रकार कमला को सिर्फ इसलिए खरीद कर लाता है क्योंकि वह सरकार की खामियों का पर्दाफाश करना चाहता है। कमला की मानसिकता उस देहाती परिवेश को दर्शाती है जिसमें स्त्री वर्ग को एक वस्तु समझा जाता है, जिसे ख़रीदा और बेचा जा सकता है, जिसके बाद वह औरत सिर्फ एक गुलाम या नौकर बनकर रह जाती है। वास्तविक समाज में भी स्त्री का स्थान गुलाम से कुछ ज्यादा ऊपर नहीं है। आज भी कई मायनो में स्त्री अपनी इच्छाएं, अधिकार, स्वतंत्रता जाहिर नहीं कर पाती। यदि वह ऐसा करती भी है तो ये पुरुष का अपमान माना जाता है। कभी बेटी के रूप में,तो कभी पत्नी के रूप में हमेशा एक औरत को बस चुप ही रहना पड़ता है। ‘कमला’ नमक नाटक में सरिता के माध्यम से औरतों के लिए एक सन्देश दिया गया है कि यदि अपने स्वाभिमान व आत्मसम्मान की रक्षा करनी है तो आवाज़ उठानी होगी, अपने अल्फ़ाज़ बयां करने होंगे, तभी हम सबको यह अहसास करा पाएंगे कि नारी सम्मान से ही सम्पूर्ण विकास संभव है।
नाट्यांश की प्रस्तुति में मंच पर कमला के किरदार में देवप्रभा जोशी, जयसिंह जाधव के किरदार में अमित श्रीमाली, सरिता के किरदार में रेखा सिसोदिया, काकासाहेब के किरदार में अब्दुल मुबिन खान, जैन के किरदार में श्लोक पिम्पलकर व कमलाबाई के किरदार में प्रियंका कालरा ने अपने अभिनय से नाटक का भावपूर्ण सन्देश दर्शकों तक पहुँचाया | इस नाटक के प्रस्तुतकर्ता मो. रिज़वान मंसूरी ने बताया की मुख्य निर्माण प्रबंधक आयुष माहेश्वरी, सहायक निर्माण प्रबंधक रेखा सिसोदिया, संगीत चयन एवं संयोजन अमित नगर व अब्दुल मुबिन खान, तकनीकी सलाहकार अश्फाक़ नूर खान पठान, प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन शहज़ोर अली (जयपुर), मंच प्रबंधक अरुण जैन, मंच व्यवस्था चेतन मेनारिया व श्लोक पिम्पलकर, मंच सज्जा प्रियंका कालरा व महेंद्र डांगी, रूप सज्जा योगिता सिसोदिया व ख़ुशनुमा मंसूरी, वेशभूषा नेहा पुरोहित, रीना अहारी व देवप्रभा जोशी, विडियो एवं फोटो राहुल अहारी (आर वर्ल्ड स्टूडियो) व अनुवादक वसन्त देव रहे। साथ ही मंच पार्श्व में प्रतिक परीख, तरुण जोशी, श्याम बिहारी यादव, विशाल राज वैष्णव, पंकज टांक व हितेश गौतम ने सहयोग दिया | नाटक की परिकल्पना व निर्देशन अमित श्रीमाली द्वारा किया गया। ‘कमला’ के ज़रिये कलाकारों ने वर्तमान समय में नारी की स्थति व मनोदशा को प्रस्तुत करने की सराहनीय कोशिश की। साथ ही साथ यह भी बताया की यदि नारी को अपने आत्मसम्मान व स्वाभिमान की रक्षा करनी है और समाज में समान अधिकारों के साथ जीना है तो उसे आवाज़ उठानी ही होगी व अल्फ़ाज़ बयां करने होंगे।
राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘अल्फ़ाज़ – 2014’ में दिनांक 25 दिसम्बर 2014, गुरुवार की सुबह 11:30 बजे गौतम चटर्जी द्वारा लिखित व निर्देशित फिल्म ‘पंचमवेदा’ का प्रदर्शन मेवाड़ मोटर्स बिल्डिंग में किया जायेगा एवं सांय 7 बजे दशरूपक, वाराणसी द्वारा नाटक ‘सुनो आम्रपाली’ का मंचन किया जायेगा | जिसका लेखन गौतम चटर्जी व निर्देशन सुमित श्रीवास्तव ने किया है |