उदयपुर। नए वर्ष के पहले रविवार को उदयपुर की नाट्य संस्था नाट्यांश सोसाइटी ऑफ ड्रामेटिक एण्ड परफोर्मिंग आर्ट्स के कलाकारों द्वारा अल सुबह गुलाब बाग और दूधतलाई में नुक्कड़ नाटक ‘पड़ाव’ का मंचन किया गया।
संस्था के सचिव अमित श्रीमली ने बताया कि नाटक की कहानी हमारे देश में बुजुर्गों के साथ हो रहे अनुचित व्यव्हार और अकेलेपन को उजागर करती है। और साथ ही इसमे जनरेशन गैप पर रोश्नी डाली है, कि किस तरह आज की पीढ़ी अपने माता पिता की बातों को समझ नहीं पाती और उसका गलत मतलब निकालती है और उन्हें परेशानी समझकर वृद्धाश्रम छोड़ने या फिर अलग से गृहस्ती बसाने का निर्णय ले लेती है। बुजुर्ग हमारी समस्या नहीं होते बल्की कई समस्याओं का समाधान होते हैं। हमें उनसे सिर्फ बात ही तो करनी होती है। उनका ध्यान रखना होता है| बुजुर्ग हम पर बोझ नहीं होते बल्कि वो हमारे साथ रहकर कई बोझ हल्के कर देते है। यही मूलमंत्र नाटक के माध्यम से दिया गया।
लेखक और निर्देशक मोहम्मद रिज़वान मंसूरी की कृति (पड़ाव) अंत में बुजुर्गों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने के लिए दर्शकों को प्रेरित करती है. नाटक के कलाकार अशफ़ाक़ नूर खान, अमित श्रीमाली, रेखा सिसोदिया, अमित नागर, तरुण जोशी, पंकज टांक, आयुष माहेश्वरी, अरुण जैन की भावप्रद और स्वाभाविक अभिनय ने दर्शकों के दिल पर गहरी छाप छोड़ी| चूँकि नाटक का केंद्र वृद्ध माता पिता का था तो सभी स्थानों पर उपस्थित वृद्धजन भावुक हो उठे और कलाकारों की प्रशंसा करके उन्हें आशीर्वाद भी दिया|