उदयपुर। आईआईएम उदयपुर के वार्षिक फाइनेंस कॉनक्लेव “अर्थ-सम्वाद” के तीसरे संस्करण का आयोजन कॉलेज परिसर में हुआ। आईआईएम के फाइनेंस क्लाब फिनोमिना द्वारा छात्रों की पहल पर “अर्थ-सम्वाद” का गठन किया गया है।
शुरुआत आईआईएम उदयपुर के निदेशक प्रो. जनत शाह के स्वागत भाषण से हुई। प्रो. शाह ने संस्थान के तीन प्रमुख स्तम्भों – शोध, रूपांतरण और क्षेत्र में सुधर के बारे में बात करते हुए श्रोताओं को ऐसे कार्यक्रम भविष्य में कराते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। श्रीमान ने आईआईएम उदयपुर में “ग्लोबल एंड रूरल इमर्शन” और उद्यमिता को बढ़ावा देने की बात कही। कॉर्पोरेट जगत के अतिथियों और वक्ताओं ने इसकी सराहना की।
स्वागत भाषण के पश्चात “रीथिंक : डीकेड्स ऑफ़ फाइनेंशियल फौली – विल इट बी डिफरेंट दिस टाइम” पर पैनल डिस्कशन हुआ। इसमें फाइनेंसियल सर्विसेज प्रैक्टिस, बेन इंडिया के हेड हर्षवर्धन, कोटक महिंद्रा कैपिटल के सीनियर उपाध्यंक्ष नीरज कारिया, सिक्योरिटीज सर्विसेज के डायरेक्टनर एंड हेड रामकृष्णन तथा एक्सिस कैपिटल मुंबई के कार्यकारी अधिकारी उमेश अग्रवाल ने हिस्साड लिया।
कारिया ने पिछले दशक में बदलते हुए मार्केट और उसके साथ बढ़ती हुई जटिलता के बारे में बताया। वर्धन ने विश्व और भारत में बढ़ते हुए वित्तीय दूरदर्शिता के अभाव और उसके निवारण के उपाय बताये। श्रीकृष्णन ने इस बात को और आगे ले जाते हुए इसके जड़ तक जाने की बात कही। श्री अग्रवाल ने भारत के भावी आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले वर्त्तमान दौर और प्रमुख संकेतकों की व्याख्या की। पैनल डिस्कशन के पश्चात अंतर-कॉलेज वाद-विवाद व वर्कशॉप हुई। वाद-विवाद प्रतियोगिता में देश के अलग अलग कॉलेजों जैसे आईआईएम लखनऊ, आईएमटी गाजियाबाद, ऐनएमआईएमएस बैंगलोर और आईआईएम उदयपुर के प्रतियोगियों ने प्रतिभा दिखाई। संचालन सेबी (एसईबीआई) के चीफ जनरल मैनेजर सुन्दरेसन ने किया। अंतिम कार्यक्रम “फेसऑफ” में संस्थान के छात्रों एवं श्री सुन्दरेसन के बीच रेगुलेटरी बॉडी के महत्व की विवेचना हुई। आज के दिवस का समापन फिनोमिना क्लब की पत्रिका “अर्थार्थ” के पांचवें संस्करण के लांच एवं अतिथियों के सम्मान के साथ हुआ।