वर्ष 2016 में होगा जैन महाकुम्भ एवं 17वां सामुहिक विवाह
उदयपुर। गणतंत्र दिवस पर सकल जैन समाज के सोलहवें सामुहिक विवाह में 16 जोडे़ हमसफर बने। साथ ही दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करने वाले प्रत्येक जोडे ने आठवां संकल्प कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने बेटी बचाओं और बेटी पढाओं का लिया। सभी जोडों को बाबुल कि दुआओं लेती जा गीत द्वारा नम आंखों से विदाई दी गई। अलंकरण 2015 में समाज की चार विभूतियों को विभिन्न अंलकरणों से नवाजा गया।
गणंतत्र दिवस पर सोमवार को श्री महावीर युवा मंच संस्थान एवं सामुहिक विवाह समारोह समिति के संयुक्तत्वावधान में भूपालपुरा ग्राउण्ड पर आयोजित सामुहिक विवाह एवं अंलकरण समारोह धूम-धाम से सम्पन्न हुआ। प्रात: 10 बजे सोलह जोडों की सामुहिक वर-निकासी नगर निगम प्रांगण से हुई। वर निकासी में सबसे आगे गज और सबसे पीछे समाज की महिलाएं मंगल गीत गाते चल रही थी। वर निकासी में दो बैण्ड, ऊंट गाडी में शहनाई वादक, सुसज्जित घोडों पर दूल्हे सवार थे वही बग्घियों मेें दुल्हनें सवार थी। शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सामुहिक बारात 11 बजे समारोह स्थल पर पहुंची। जहां दूल्हों द्वारा सामुहिक तोरण के साथ सामुहिक विवाह का आगाज किया। इसके बाद वधु पक्ष की ओर से दुल्हों की आरती की गई। तत्पश्चात बनाए गये स्टेज पर सामुहिक वर-माला का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान आमंत्रित समाजजनों एवं वर-वधु के परिजनों का पन्द्रह हजार से अधिक लोगों का सामुहिक भोज हुआ। इसके पश्चात 2.22 मिनिट पर मुख्य पाट से पंण्डित देव कृष्ण शर्मा द्वारा वैदिक एवं जैन मंत्रों से सामुहिक विवाह की सभी रस्में पूरी कराई। उनके द्वारा कराये जा रहे मंत्रोच्चार से 16 ही वेदियों में बैठे पण्डितों द्वारा रस्में पूरी कराई गई। मुख्य मंच पर विधियों को पूरा कराने के लिए मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत, अध्यक्ष लोकेश कोठारी एवं वेदी संयोजक विजय सिसोदिया ने आहुतियां दी। वर-वधुओं के हथलेवें छुडाई के दौरान संस्थान द्वारा चांदी की पायेजेब, बिच्छीयां एवं श्रेष्ठीजनों से एकत्र 101 उपहार दिये गये। महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा विजयलक्ष्मी गलुण्डिया एवं प्रकोष्ठ की सदस्याओं द्वारा बाबुल की दुआओं के साथ विदाई दी गई। इस दौरान समारोह में मौजूद सभी की आंखें नम हो गई।
ध्वजा रोहण से हुआ अलंकरण समारोह का आगाज
अलंकरण समारोह 2015 का आगाज बैण्ड की स्वर लेहरियों में समाजभूषण विकास किरणमल सावनसुखा द्वारा ध्वजा रोहण से किया गया। उसके बाद आयोजित समारोह में संस्थान अध्यक्ष लोकेश कोठारी एवं ज्योतिषाचार्य कान्तिलाल जैन द्वारा शब्दों से स्वागत किया गया। मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने संस्थान के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान का मुख्य ध्येय समाज को एकता की माला में पिरोना है इसलिए समय-समय पर समाज के सामुहिक कार्याक्रम आयोजित किये जाते रहे है । वर्ष 2016 में महावीर जयन्ति पर सकल जैन समाज के छठे महाकुम्भ के साथ-साथ 17वां सामुहिक विवाह का आयोजन किया जायेगा। समारोह के आशीर्वचन प्रदाता गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया द्वारा इस तरह के आयोजनों में समाज को अपनी महत्व पूर्ण भूमिका अदा करनी चाहिए। उन्होने कहा कि संस्थान द्वारा आयोजित 15 सामुहिक विवाह का मैं साक्षी रहा हूँ। समारोह के मुख्य अतिथि जीतो के राजस्थान गुजरात मध्यप्रदेश छत्तीसगढ के जोन चैयरमैन राजेन्द्र बर्डिया, समारोह के प्रेरणा पाथेय आदर्श क्रेडिट सहकारी बैंक लि. के प्रबन्ध निदेशक मुकेश मोदी, अध्यक्षता तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलिल लोढा की। समारोह के सम्मानीय अतिथि जिला प्रमुख श्रीमती मधु मेहता एवं नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी थे। समारोह का संचालन सोनिका जैन किया धन्यवाद कार्यक्रम संयोजक श्याम नागौरी ने ज्ञापित किया।
अलंकरण समारोह में चार प्रतिभाएं सम्मानित : भीलवाडा चैप्टर के जीतो चयरमैन महावीर चौधरी को समाज भूषण, वाटी उदयपुर निवासी मुम्बई प्रवासी नरेश सुन्दरलाल एकलिंग लोढा को समाज गौरव, युवा उद्यमी अनीष धीेंग को युवा गौरव और युवा उद्यमी आत्मप्रकाश जैन को युवा रत्न अंलकरण से नवाजा गया सभी को श्रीफल, माला, मेवाडी पगडी, उपरणा,शॉल ओढाकर, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
इन्होने बनाया समारोह को सफल : समारोह को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में अनिल नाहर, अशोक कोठारी, चन्द्रप्रकाश चोरडिया, दिलीप माण्डोत, गुणवन्त वागरेचा, किर्ती जैन, कुलदीप लोढा, मनोहर चित्तौडा, नरेन्द्र पोरवाल, नरेश गडिया, नितिन लोढा, राजकुमार गन्ना, रवि माण्डावत, संजय भण्डारी, संजय खाब्या, टीनु माण्डावत, विजय सिसोदिया, विनोद पारीवाला, विजय लक्ष्मी गलुण्डिया, प्रमिला दलाल, मंजू फत्तावत, उर्मिला नागौरी, पुष्पा सुराणा, आशा कोठारी, लता भण्डारी एवं विभिन्न समाज के युवा संगठनों ने योगदान दिया।
आठ संकल्पों का हुआ सामुहिक विवाह : सकल जैन समाज के 16वां सामुहिक विवाह में परिणय सूत्र में बंधे वर-वधुओं को विवाह की वेदी पर आठवां संकल्प बेटी बचाओं का दिलाया गया। उन्हे भू्रण हत्या नहीं करने एवं बेटी के जन्म होने पर उसे पढाने का संकल्प दिलाया गया।