उदयपुर. गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज, डबोक एवं गीतांजली यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में फ्यूचर प्लानिंग एवं करियर गाईडेन्स पर गीतांजली मेडिसिटी में सेमीनार हुआ जिसमें 84 विद्यार्थियों को 13 लाख की स्कॉलरशिप बांटी गई।
इनमें जिन विद्यार्थियों को 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक थे, उन्हें यह स्कोलरशिप दी गई। इसमें अधिकतम स्कोलरशिप 25 हज़ार व न्यूनतम 5 हज़ार की थी। कार्यक्रम में दसवीं, बारहवीं और स्नातक के पश्चात् विद्यार्थियों को आगे का करियर खोजने हेतु मार्गदर्शन दिया। सेमिनार का आरंभ सभी अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्ज्वलन कर हुआ। सेमिनार में अतिथियों के तौर पर सिक्योर मिटर्स के वाईस प्रेसिडेंट एच आर केतन भट्ट, एफएमएस के निदेशक डॉ. करुणेश सक्सेना, उदयपुर सीमेंट के वाईस प्रेसीडेंट एस आर पाण्डे़, इसरों सेवानिवृत वैज्ञानिक डॉ. अलवर रमन साथ ही फार्मेसी क्षेत्र से डॉ. अशोक दशोरा एवं मेडिकल क्षेत्र से डॉ. मंजिन्दर कौर और डॉ. आशीष शर्मा ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए अपने विचार व्यक्त किए जिनमें केतन भट्ट ने कहा कि जिस इंजीनीयर को तकनीक के प्रयोग के बारे में पता हो, वही इंजीनीयर सार्थक है। इंजीनियर्स को टीम में काम करने की आदत व कौशल होनी चाहिए व जो कुछ उन्होंने सीखा है, उसे बताने की योग्यता होनी चाहिए। साथ ही इंजीनियर में समस्याओं का समाधान करने हेतु जिज्ञासा भी होनी चाहिए।
इनके अलावा करूणेश सक्सेना ने बताया कि अपने जोश, उद्देश्य, संभावनाएं व शक्ति की व्याख्या करते हुए उपयुक्त दृष्टांत देते हुए विद्यार्थियों को समझाने का प्रयास किया। डॉ रमन ने यांत्रिकी शिक्षा को आज के समय में उपयुक्त बताते हुए कहा कि केवल तकनीकी क्षेत्र में ही 60 लाख नौकरीयां आने वाले समय में हमारे देश में उपलब्ध होगी। विभिन्न क्षेत्रों में भी उन्होंने बताया कि तकनीक के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय छात्रों को लाखों मौके उपलब्ध होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि गिट्स एक अग्रणी संस्थान है, जिसे कि हाल ही में दूरदर्शन ने भी अपने समाचारों में चर्चा की है। सेमिनार में एक हज़ार विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों को स्कोलरशिप देकर हुआ। संयोजक राजीव माथुर थे। डॉ. मुकेश पोरवाल ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद दिया।