तैयारियां पूरी
उदयपुर। मेवाड़ में महाकालेष्वर भगवान की शाही सवारी के तहत मेवाड़ की धरा पर परम्परागत रूप से महाकालेश्व र भगवान महाकाल की सोमवार को शहर में भ्रमण हेतु निकलने वाली शाही सवारी की विभिन्न व्यवस्थाओं के सम्बन्धस में मन्दिर परिसर में बैठक तेज सिंह सरूपरिया की अध्यक्षता में हुई।
शाही सवारी निकलने के सम्बंध में रूप-रेखाओं को प्रस्तुत करते हुए अंतिम रूप देकर संकल्प लिया गया कि भगवान रूद्र की शाही सवारी को अनुशासित, भव्य तथा शान्ति पूर्णरूप में निकाली जाएगी। प्रन्यास सचिव चंद्रशेखर दाधीच ने बताया कि शाही सवारी के स्वरूप में निकलने वाली सवारी में पूर्व में महाकाल का पताका लिए हुए व्यक्ति रहेगा। उसके पीछे खुली जीप चलेगी तथा उसके पी प्रन्यास एवं श्रावण महोत्सव समिति का पताका लिए हुए व्यक्ति चलेंगे। उनके पीछे नीचम वाले चार ढोल स्वर लहरियां बिखेरते हए चलेंगे। ठीक उसके पीछे ग्यारह घोड़े सवारी रहित महाकाल की सेवा में चलेंगे। घोड़ों के पीछे मास्टर बैण्ड प्रथम मधुर धार्मिक स्वर रहरियां बिखेरते हुए चलेंगे। इसके पीछे भगवान गणपति की भव्य झांकी रहेगी। उसके पीछे उदयपुर में बन रहे भव्य महाकाल मंदिर का लकड़ी का सुंदर मॉडल आम जनता के दर्शनार्थ रहेगा। इसके पीछे मास्टर बैण्ड द्वितीय मधुर धार्मिक स्वर रहरियां बिखेरते हुए चलेंगे। उसके पीछे बड़ी संख्या में महिलाएं कलश लिए हुए रहेंगी। इसके पीछे अमरनाथ सेवा समिति तीन झांकियां चलेंगी। साथ ही परम्परागत वाद्य यंत्रों थाली मादल, ढोल मंजिरे की टोली चलेगी। साथ की भगवान को अतिप्रिय डमरू को बजाने वाली टोली चलेगी। तत्पश्चात् भगवान रूद्र की शोभायमान बरात चलेगी। इसके पीछे पुष्पकश्विमान में ग्यारह रूद्रपाठी पंडित भगवान महाकाल की महिमा स्त्रोत् सह-स्वर करते हुए चलेंगे। ठीक उसके पीछे भगवान रूद्र की अद्भुत शाही सवारी दर्शनार्थियों एवं श्रृद्धालुओं के दर्शन के लिए रहेगी। भगवान नगर भ्रमण हेतु पधारेंगे। उसके पीछे सभी पुरूष भक्त भगवान महाकाल के जयकारे लगाकर वातावरण को शिवमय बनाते हुए चलेंगे।
इस सम्पूर्ण शाही सवारी की सुरक्षा हेतु रूद्र सेना एवं शूलधारिणी सेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में दोनों ओर सुरक्षा प्रदान करते हुए चलेंगे। इसके साथ ही पांच बंदूकधारी गार्ड यात्रा की पूर्ण सुरक्षा करेंगे। कार्यक्रम संयोजक सुंदरलाल मांडावत ने बताया कि भव्य शोभायात्रा के सम्पूर्ण रास्ते में महाकाल के श्रद्धालु महाकाल की अगवानी हाथीपोल पर खटीक समाज एवं षनि मन्दिर ट्रस्ट की ओर से भगवान रूद्र, शनिदेव व देवी महाकाली का स्तवन होगा जिसमें भगवान रूद्र व उनके षिष्य षनिदेव द्वारा स्तवन (मिलन) होगा। जहां पर बार एसोसिएशन उदयपुर के अध्यक्ष प्रवीण खण्डेलवाल, कैलाश भारद्वाज ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा। धण्टाधर पर उदयपुर सेवा समिति, सेन समाज पुष्प वर्षा एवं जगदीश मन्दिर पर धर्मोत्सव सेवा समिति के दिनेश मकवाना शाही सवारी का स्वागत किया करेंगे। जगदीश मन्दिर पर भगवान विष्णु भगवान महाकाल का स्वतवन कर 1008 कमल के पुष्प भेंट करेंगे तथा भगवान महाकाल सुदर्शन चक्र भेंट करेंगे। लघु रूद्र नाटिका का आयोजन होगा। गणगौर घाट चौराये पर लखारा समाज, तोषनीवाल समाज, सोनी समाज द्वारा चांदपोल पर राजपूत समाज अम्बामाता परिसर पर अम्बामाता मन्दिर ट्रस्ट द्वारा देवी दुर्गा व भगवान महाकाल का स्तवन होगा इस अवसर पर केवल महिलाओं द्वारा पारम्परिक गरबा का आयोजन राजदेव बीएड कालेज द्वारा किया जायेगा। इसके पश्चागत् शाही सवारी महाकालेश्वगर मन्दिर परिसर में पहुचेंगी जहां महाआरती का आयोजन होगा। उक्त शाही सवारी के समस्त मार्ग पर श्रीमाली समाज के द्वारा गंगाजल व गऊमूत्र द्वारा छिड़काव किया जाएगा। साथ घण्टाघर पर फल वितरण किया जाएगा।