तेरापंथ युवक परिषद की बारह व्रत कार्यशाला
उदयपुर। शासन श्री मुनि राकेश कुमार ने कहा कि व्रत तो श्रावक समाज के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं। जन्म से कोई धार्मिक नहीं होता लेकिन वह अनुयायी हो सकता है। भगवान महावीर ने धर्म दो तरह के बताए हैं।
वे तेरापंथ भवन में रविवार को तेरापंथ युवक परिषद की ओर से आयोजित बारह व्रत कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह आतंकवाद, हिंसा निरंतर बढ़ रही है, इन बारह व्रतों का पालन करने से ये समस्याएं खत्म हो जाएंगी। आवश्यिकता से अधिक संग्रह न करें लेकिन इसका उलट ही होता है। अपनी उपभोगवादी मनोवृत्ति का त्याग करें। परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। अनावष्यक पैसा आएगा तो उसका दुरुपयोग भी अवश्यक होगा। सामाजिक स्तर पर भी कई समस्याएं आ रही हैं। त्याग, संयम, मर्यादा की साधना जरूरी है। दूसरों को सुधारने के बजाय हम स्वयं को सुधारने पर बल दें। श्रावक का बेटा श्रावक ही हो, यह जरूरी नहीं। सभी को अपना ज्ञान कायोत्सर्ग से स्वयं को ही बढ़ाना है।
मुनि सुधाकर ने कहा कि गौतम की जिज्ञासा पर भगवान महावीर ने बताया कि धर्म दो प्रकार अणगार और आगार के होते हैं। अणगार में 5 व्रतों का पूर्ण पालन साधु के लिए अवष्य करना होता है जबकि आगार में 12 व्रतों का पालन श्रावक के लिए आवष्यक है। उन्होंने महाव्रत और 12 व्रतों की विवेचना की। जो अपनाना है, उसमें देरी मत करो और आत्मोत्थान की दिषा में कदम बढ़ाओ। यह हमारी चेतना को उर्ध्वगामी बनाता है। व्रत हमारे जीवन की सुरक्षा कैसे करता है, यह बच्चों को बताना होगा। व्रत का अर्थ ही त्याग है। जितना सामर्थ्य हो, व्रत उस अनुसार करें। इससे कर्मों की निर्जरा होगी और जीवन सफल हो जाएगा। व्रत आत्म जागरण का उपक्रम है।
मुनि दीप कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति व्रत प्रधान संस्कृति है। सैनिक जिस तरह रक्षा कवच पहनता है, उसी प्रकार अनैतिक लोगों के बीच रहकर भी व्यक्ति व्रत के कारण सुरक्षित रह जाता है। व्रतों को बंधन मानते हैं तो व्रत करने में कठिनाई होगी। व्रतों के सिर्फ संकल्प पत्र ही नहीं भरें बल्कि उनकी पालना भी करें।
तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष दीपक सिंघवी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर परिषद आज बारह व्रत कार्यषाला का आयोजन कर रही है। हम पूरी तरह संयमी जीवन नहीं जी सकते लेकिन असंयम की सीमा तो कर ही सकते हैं। सृष्टि में व्याप्त सभी सुविधाएं न हमारे लिए बनी हैं और न ही हम उनका उपयोग कर पाते हैं। सीमाकरण कर व्रतों को स्वीकार करना चाहिए।
तेरापंथी सभाध्यक्ष एवं अखिल भारतीय महासभा द्वारा प्रवक्ता मनोनीत राजकुमार फत्तावत ने बताया कि संथारा-संलेखना प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई है जिसकी सुनवाई सोमवार से आरंभ होगी। कार्यक्रम का सफल संचालन तेयुप मंत्री अजीत छाजेड़ ने किया।