उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल काँलेज एंड हाँस्पीटल में तीन चरणों में हुए सफल आँपरेशन के माध्यम से 18 बच्चों को काँकलियर इम्प्लांट प्रत्यारोपित किए गए। सुनने और बोलने में अक्षम ये सभी बच्चे अब धीरे-धीरे सुनने और बोलने लग गए है और आगामी दिनों में एक आम बच्चे की तरह बोलने एवं सुनने लगेगे।
पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने बताया कि पिछले तीन चरणों में हुए कांकलियर इंम्पाल्ट में 18 बच्चें पेसिफिक मेडीकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में आज अपने माता पिता और परिजनो के साथ आए। लगातार 6 महिनों तक चली स्पीच थैरेपी के माध्यम से ये सभी बच्चे अब सुन भी पा रहे है और बोल भी।
गुजरात के सुरत से आयी 6 साल की बच्ची निष्ठा कोठारी की मां से जब पुछा गया कि उनकी बच्ची अब बोल और सुन पा रही है तो उनकी खुशी का ठिकाना नही था। उन्होंने कहा कि पहले बोल और सुन नही पाने के कारण उनकी बच्ची को स्कूल मे प्रवेश नहीं मिल पा रहा था लेकिन अब उसे इंग्लिश मीडियम स्कूल मे प्रवेश मिल गया है। कई दूसरे अन्य बच्चों के साथ आए उनके परिजनो से जब बात हुई तो उन्होने बताया कि वास्तव में अब उनको लगता है कि उनके जीवन में खुशियां की शुरूआत हुई है क्योेंकि पहले ये बच्चे न तो बोल पाते थे और न ही सुन पाते जिसके चलते घर मे बच्चोें कि किलकारियों की गूंज के लिए इन बच्चों के मां-बांप, दादा-दादी एवं नाना-नानी तरस चुके थे लेकिन अब मानो ऐसा लग रह है कि खुशियां आसमान से सीधे उनके घरों में ही उतर आयी है।
पेसिफिक मेडिकल काँलेज एंड हाँस्पीटल के ईएनटी विभाग के हैड डॉं.पी.सी अजमेरा ने बताया कि सितम्बर में सात बच्चों के काँकलियर इम्प्लांट प्रत्यारोपित किए गए थे। 21 दिनों के अंतराल में अच्छी तरह से स्थापित होने के बाद आज इस इम्प्लांट को स्वीच आँन किया गया। इस सबके बाद आगामी 2 साल तक इन सातों मरीजो को स्पीच थैरेपी के माध्यम से बोलने और सुनने मे सक्षम बनाया जाएगा साथ ही बच्चो के अभिभावकों को भी कांउसिंलिग के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इस दौरान ईएनटी विभाग के, डॉ. राजेन्द्र गोरवाडा., डॉ हेमेन्द्र बामनिया एवं डॉ. मनीष त्यागी सहित स्टॉफ के सभी सदस्य उपस्थित रहे।