उदयपुर। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि निशक्त एवं विमंदितों की सेवा का कार्य ईश्वर की सेवा से भी बढ़कर है। उन्होंने कहा कि मानव सेवा के इस कर्म के लिए संकल्प के साथ उदार मानवता का परिचय देने की महती आवश्यकता है।
कटारिया शनिवार को राजस्थान कृषि महाविद्यालय सभागार में राष्ट्रीय मानसिक विमंदित संस्थान के सौजन्य से परिवार-एनसीपीओ (दिल्ली) एवं प्राच्य शोधपीठ प्रयास संस्थान की ओर से आयेजित 23वें राष्ट्रीय अभिभावक सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में देश के कोने-कोने से 450 से अधिक प्रतिभागी भाग लेने पहुंचे हैं। कटारिया ने कहा कि सरकार की ओर से विशेष जनकल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन इसका पूरा-पूरा लाभ जनभागीदारी के बगैर पहुंच पाना नामुकिन है। उन्होंने निशक्तजन कल्याण के क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से दी जा रही सेवाओं को अनुकरणीय बताते हुए श्रेष्ठ जन का साधुवाद दिया। उन्होंने शहर की अग्रणी संस्था प्रयास की दीर्घकालिक सेवाओं को सराहा।
उन्होंने विमंदित बच्चों के अभिभावकों की हौसला अफजाई करने एवं उन्हें सशक्त सामाजिक संरक्षण एवं सहयोग प्रदान करने पर बल दिया। अतिथियों ने आयोजक संस्था की ओर से प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया तथा श्रेष्ठ सेवाओं के लिए केरल की मितलन संस्थान के डॉ. डीके मेनन को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। आरंभ में अजीत कुमार सेन ने स्वागत उद्बोधन में संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। समारोह में सांसद अर्जुनलाल मीणा, महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, विधायक फूलसिंह मीणा, एमपीयूएटी के कुलपति डॉ. परमेन्द्र दशोरा, परिवार संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वीके गौतम, साफी सचिव मिस्टर प्रार्थीबेन, डॉ. मौसमी भूमिक सहित अन्य प्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग मौजूद थे।
आरंभ में प्रयास संस्थान की सुनीता बहुगुणा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. गडकरी ने भी विचार व्याक्तक किए। समारोह में विशेष बच्चों द्वारा गायत्री मंत्र एवं पधारो म्हारे देश की अभिनयात्मक प्रस्तुति को करतल ध्वनि से सराहा गया। समारोह का आरंभ अतिथियों के हाथों दीप प्रज्वलन से हुआ।