उदयपुर। आयुर्वेद विभाग पतंजलि योग समिति उदयपुर नगर निगम व स्वयंसेवी संगठनों के तत्वावधान में रविवार को निशुल्क योग चिकित्सा शिविर व योग साधना शिविर आयोजित हुआ।
डॉ. शोभालाल ओदिच्य ने बताया कि आज मानसिक तनाव, डिप्रेशन, चिड़चिडापन, गुस्सा नेगेटिव विचार जैसी अनेक मानसिक व्याधियों से इन्सान परेशान रहता है और ऐसी कोई दवाई नहीं बनी जिसको लेने से इन्सान को निजात मिले। इन्सान इन व्याधियों से ज्यादा परेशान होने पर गलत कदम उठा लेता है।
इन व्याधियों को ध्यान में रखते हुए इस बार विशेष ध्यान योग शिविर आयोजित किया गया। जिसमें पतंजलि योग पीठ के पूर्णकालिक योग प्रशिक्षक अशोक जैन, प्रेम जैन, गोपाल डांगी ने व्याधियों से निजात पाने के लिए ध्यान मुद्रा, पद्मासन, योग मुद्रासन, शशकासन, वृक्षासन, मकरासन आदि आसनों व भस्ञिका, कपालभांति, अनुलोम -विलोम, भ्रामरी उध्दगित, , प्रणव आदि प्राणायामों व यौगिक जोगिंग ओर सूर्य नमस्कार का अभ्यास पूरी विधि के साथ कराए।
डॉ. औदीच्य ने बताया कि इन व्याधियों से बचने के लिए किसी योग प्रशिक्षक के सान्निध्य में पूरी विधि के साथ योग सीखकर नियमित दिनचर्या में योग को अपना कर नियमित योगाभ्यास करें। अपने पूरे परिवार के साथ नियमित कुछ समय बैठ कर हास्य व्यंग्य या स्वाध्याय करें। सादा व सन्तुलित आहार लें ज्यादा तीखा व तामसिक भोजन न करें। अपने घर पर अलग अलग प्रकार के पौधे लगा कर कुछ समय उनके साथ बिताए। सप्ताह में एक बार पूरे परिवार के साथ घूमने जरुर जाएं। योग प्रशिक्षको ने आसन ओर प्राणायाम कराते हुए कहा कि योग एक वो पद्धति है जिसको नियमित करने से इन्सान शारीरिक रोगो से मुक्ती पाते हुए मानसिक रोगों से मुक्त होकर पूर्ण स्वस्थ रहकर अपना जीवन व्यतीत करता है। ओर यदि योग करते हुए। योगि आठ नियम -यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि इन नियमों का पालन करता है तो वो सांसारिक मोह माया से छूट कर परम ब्रह्म की अनुभूति करता है।