उदयपुर यूनाईटेड राउण्ड टेबल द्वारा नाटक मंचन
उदयपुर। अस्पताल में एक मां की कोख से जन्म लेने वाली ह्दयहीन बेबी का दिल दूसरे स्थान पर दूसरी मां की कोख से जन्म लेता है। दो मां अपने बेबी को बचाने के लिए लड़ती है। कोर्ट को भी हस्तक्षेप कर कहना पड़ता है कि दिल बेबी को लगाकर उसे जीवनदान दिया जाए लेकिन पहल कौन करे। इस बात को लेकर देश के इलेक्ट्रोनिक मीडिया द्वारा किस प्रकार इस ह्दयहीन बेबी के जन्म को अपनी लीड स्टोरी बनाकर उसे प्रचारित करता है।
यह दृश्य आज लोककला मण्डल में राउण्ड टेबल इण्डिया द्वारा बड़ी स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय की सहायतार्थ आयोजित किये गये नाटक द लास्ट विश बेबी यानि आखिरी ख्वाहिश बेबी की कथानक में देखने को मिला। हैदराबाद के मशहूर नाट्य एवं तेलूग फिल्म निर्देंशक रत्ना शेखर रेड्डी द्वारा निर्देशित इस 1 घंटे के नाटक में 16 कलाकारों ने अपनी कला के अविस्मरणीय प्रदर्शन से अंत तक दर्शकों को बांधे रखा। कथानक में हास्य, व्यंग्य एवं कटाक्ष का मिश्रण देखने को मिला।
नाटक में इस अद्भुत जन्मे बेबी के जन्म को लेकर इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने अपने स्टुडियो में राजनीतिज्ञ, धार्मिक व्यक्तियों, वकील, सभी मिलकर हॉट टॉक करते दिखाई दिखाया। बच्ची दिल के अभाव मरती है तो कोर्ट संज्ञान ले कर उनकी माताओं को कहना पड़ता है कि दिल लगाकर जीवित रखा जाए। इन मार्मिक दृश्यों का कलाकरों द्वारा बखूबी चित्रण किया गया। नाटक यही संदेश देता है कि सही लेागों को अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिये अन्यथा अन्याय ओर बढ़ेगा।
गूगल, डेलोईट, एक्सचेंजर, एल एण्ड टी आदि कम्पनियों में जॉब करने वाले देश के कोने-काने से आकर इसमें अपना रोल निभाने वाले नाटक के सभी 16 कलाकारों ने इसमें 7 से 8 तरह के किरदार निभायें है। इस अवसर पर उदयपुर यूनाईटेड राउण्ड टेबल इण्डिया के चेयरमेन ऋषभ वर्डिया ने बताया कि इस आयोजन से प्राप्त होने वाली राशि उपरोक्त स्कूल के निर्माण में प्रदान की जाएगी। प्रारम्भ में मुख्य अतिथि शेख शब्बीर मुस्तफा एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन किया।
हैदाराबाद बना थियेटर में नं. वन- 9 तेलगू फिल्मों, 25 नाटकों का निर्देशन एंव 80 से अधिक थियेटर वर्कशॉप करने वाले रेड्डी ने एक भेंट में बताया कि अमेरिकन राईटर द्वारा लिखित उक्त नाटक का कन्सेप्ट लेकर इस मूल कथानक में काफी दृश्य जोडक़र इसे एक घंटे का बनाया गया। इस नाटक ने नेशनल थियेटर कम्पीटिशन में बेस्ट प्ले, बेस्ट स्क्रिप्ट व बेस्ट डायरेक्शन के अवार्ड जीते है।
उन्होंने बताया कि थियेटर में पैसा है कमाने वाला चाहिये। मुबंई, दिल्ली,कलकत्ता के अलावा अब हैदराबाद में थियेटर में नं. वन बन चुका है। हैदराबाद में थियेटर का इतना क्रेज बन चुका है कि वहंा का हर शो हाऊस फुल जाता है। थियेटर का जमाना गया नहीं लेकिन अब गोल्डन टाईम वापस आ रहा है।