चन्द्रावती में मिला अलग आकार का मटका
कुलपति ओर कुलप्रमुख ने किया अवलोकन
उदयपुर। पुरातन नगरी चन्द्रावती में जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय तथा पुरातत्व विभाग की ओर से जारी उत्खनन में खुदाई के दौरान ट्रेंच संख्या 35 में दो शासकों या फिर दो बड़े परिवार रॉयल ग्रुप से जुड़े होने एवं शासन करने के दौरान उपयोग किये गये बर्तन तथा चूल्हों एवं रहन-सहन के प्रमाण मिले हैं।
उत्खनन निदेशक डॉ. जीवन सिंह खरकवाल ने बताया कि विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एस.एस.सारंगदेवोत तथा कुल प्रमुख श्री भंवरलाल गुर्जर ने अवलोकन किया। कुलपति प्रो. सारंगदवोत ने बताया कि देवड़ा व परमार वंश के लोगों ने काफी समय तक उपयोग किया होगा। उन्होंने कहा कि उत्खनन हमारे अतीत के वैभव की जानकारी मिलती है तथा इसके संरक्षण की महत्ती आवश्यकता है। साथ ही उस समय के सांस्कृतिक, प्राकृतिक, रहन सहन , खान पान, रीति रिवाज की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है । इस हेतु विद्यापीठ की ओर से पूर्ण सहयोग किया जायेगा। ट्रेन्च में दोनों प्रमाणों के निवास की परत बाहर निकली है, एक का पेंदा पुरी तरह से साफ है, तो एक कक्ष में चूल्हे के प्रमाण मिले हैंे, जिसमें एक बड़ा मटके का मॅुंह बाहर निकला है, पहले से वर्तमान में चल रहे इस नगरी का यह मटका अलग ही है। जिसकी आकृति भिन्न प्रकार की है। यह खनन का पहला अलग मटका है। खनन के दौरान यहॉं उपयोग किए जाने वाले चिकने बर्तनों के भी अवशेष मिले हैं।