उदयपुर। प्रतिदिन खाये जाने वाले खाने में आयोडिन की मात्रा पर्याप्त नहीं होने पर खास तौर पर महिलाओं में हाईपोथायराईडिज्म नामक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। यह अब बीमारी आम होने लगी है। इससे महिलाओं व पुरूषों में मोटापा की समस्याएं बढ़ गयी है। इसे नियमित खान-पान से नियंत्रित किया जा सकता है।
यह कहना था क्लिनिकल न्यट्रीशिनिस्ट व डाईटिशियन डॉ. नितिशा शर्मा का, जो रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा न्यूट्रिशियन मैनेजमेन्ट इन हाईपोथायराईडिज्म एण्ड ओबेसिटी विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थी। उन्होंने बताया कि हाईपोथायराईडिज्म होने में हारमोन की मुख्य भूमिका रहती है। हाईपोथायराईडिज्म होने पर शरीर में थकान महसूस होना, वजन का बढऩा, कोलेस्ट्रोल बढ़ता और नींद आती है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि हाईपोथायराईडिज्म से बचने के लिए शरीर में आयोडिन की मात्रा को बढ़ाना होगा और वह संतुलित आहार से संभव है। शरीर के बढ़े हुए वजन को कम करने पर भी यदि वह कम नहीं होता है तो थायराईड होने की संभावना रहती है। इसकी खून की जांच करानी चाहिये। साथ ही थायराईड नहीं होने पर भी वजन बढ़ता है तो इसकी भी जांच कराई जानी चाहिये। प्रोटीन, केलोरिज़, कार्बोहाईड्रेड की मात्रा को बराबर रखने के लिए इनसे जुड़े पदार्थों का सेवन करना चाहिये।
इनसे बढ़ता है वजन : आमतौर पर बच्चों में पाश्चात्य संस्कृति का खाना खाने की आदत सी बन गयी है और वह उनके शरीर के लिए बहुत हानिकारक है। पास्ता, सफेद ब्रेड, मैदा आदि खाने से शरीर का वजन बढऩे की संभावना रहती है।
हाईपोथायराईडिज्म होने पर ये न लें : हाईपोथायराईडिज्म होने पर मक्का, सफेद ब्रेड, रिफाईन्ड आटा, मफीन्स, केक, रिच डेजर्ट, मूली, सोयाबिन, पालक, फूल गोभी, पत्ता गोभी का उपयोग नहीं करना चाहिये। इसके अलावा सोल्टेड व फ्राई काजू, बादाम, आचार, पापड़, सोस, नमक लगा हुआ सलाद न लें, सिर्फ प्लेन सलाद लें। प्रतिदिन 30 मिनिट व्यायाम करें एवं पैदल चलें ताकि मोटापा कम हो सकें। पुड़ी एवं पराठा से भी दूर रहना चाहिये ताकि वजन न बढ़ सकें।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष गजेन्द्र जोधावत ने बताया कि मोटापा की बढ़ती समस्या से निजात पाने के लिए न्यूट्रीशियन की सलाह पर चल कर अपने जीवन को सुखमय बना सकते है। सचिव सुभाष सिंघवी ने डॉ.नताशा परिचय दिया और अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रारम्भ में दर्शना सिंघवी ने ईश वंदना प्रस्तुत की जबकि अन्त में डॉ ए.के.गुप्ता ने डॉ.नताशा को स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।