उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित पीएचडी शोधार्थियों का कोर्स वर्क के तीसरे दिन शुक्रवार को विश्वविद्यालय के प्रतापनगर स्थित सभागार में डॉ. एसके गांधी ने शोधार्थियों को बताया कि एक अच्छे शोधकर्ता व शिक्षक को सकारात्मक दृष्टि से युक्त होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शोध सकारात्मकता के साथ उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए। मोह से ग्रस्त होकर किये जाने वाले शोध के निष्कर्ष सत्य के निकट नहीं होते है। दूसरे सत्र में प्रो. करुणेश सक्सेना ने कहा कि जब तक शोधार्थी शोध समस्या को अच्छे से नहीं समझता, तब तक शोध में गुणवत्ता नहीं आ पाती। गुणवत्ता के लिए विषय चयन, सम्बन्धित साहित्य अध्ययन व शोध विधि के चयन में विशेष गहराई तक पहुंचने की आवश्यकता है। समन्वयक प्रो. प्रदीप पंजाबी ने बताया कि 150 शोधार्थी कोर्सवर्क में भाग ले रहे हैं। संचालन डॉ पारस जैन ने किया और धन्यवाद डॉ धीरज प्रकाश जोशी ने दिया।