आंगनवाड़ी पुनश्चेर्या प्रशिक्षण का समापन
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ कुल के अन्तर्गत संचालित आंगनवाडी कार्यकर्ताओं प्रशिक्षण केन्द्र की ओर से आयोजित चितौड़ जिले की ग्रामीण परियोजना के अन्तर्गत 23 प्रशिक्षणार्थियों का पुनश्चर्या (जेटीसी) प्रशिक्षण का समापन हुआ।
कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि यदि व्यक्ति में किसी भी कार्य को करने की इच्छा शक्ति प्रबल होती है तो वह हर कार्य को आसानी से कर सकता है। अपने काम में पारंगत हो सकता है। क्योकि महिलाएं समाज एवं देश की धूरी होती है। अध्यक्षता करते हुए कुलप्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने कहा कि आंगनवाडी केन्द्रों पर कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिका के चयन की कार्य प्रणाली एवं तीन से छह वर्ष के बच्चों की शिक्षा सम्बन्धी गतिविधियों के बारे मे जानकारी दी तथा गांवों शिक्षा से वंचित बालकों को आगंनवाडी से जोडने की बात कही। विशिष्टद अतिथि जापान विश्वविद्यालय के प्रो. ताकेशी फूजी ने कहा कि बच्चों की नींव को मजबूत करने का भार महिलाओं पर है। अतः बच्चों को पूर्ण रूप से शिक्षा व संस्कार से जोड़ने की बात दोहराई। विशिष्टर अतिथि प्रो. ऋणु पर्ण ने बताया कि व्यक्ति के जीवन में हर दिन सीखने वाला होता है। अतः माता पिता बच्चों के साथ जुड कर उन्हे निपुर्ण करें। समारोह का संचालन रेखा राठौड़ ने किया जबकि धन्यवाद नंद कुंवर ने दिया।
अब तक किया प्रशिक्षण : कुलप्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने कहा कि राजस्थान विद्यापीठ कुल में 1982 से आज तक 63 हजार 163 महिलाओं को आगंनवाडी का प्रशिक्षण दिया जा चुका है जिसमें कार्यशाला, सेमीनार, जागरूकता कार्यक्रम, रेली द्वारा समय समय पर कार्यक्रम किया गया।