उदयपुर/राजसमंद। वेदांता हिन्दुस्तान जिंक़ द्वारा राजसमंद जिले में संचालित 504 खुशी आंगनवाडी केन्द्रों पर बच्चों के स्वास्थ्य, सुपोषण, स्वच्छता और शालापूर्व शिक्षा पर चलाये जा रहे समग्र विकास कार्य के तहत् विजय अब कुपोषित बालक की श्रेणी में नहीं है।
सितंबर में बिजनौल गांव के अतिकुपोषित और बीमार बालक विजय के बारे में जब खुशी समन्वयक को जानकारी मिली तो सामने आया कि धार्मिक अन्धविश्वाजस के चलते बच्चे की मां उसे अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं थी। काफ़ी प्रयास के बाद स्थानीय प्रषासन के सहयोग से ख़ुषी टीम बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंची। बच्चे का हिमोग्लोबिन स्तर 3.5 था, जबकि 18 माह के बच्चे का सामान्य हिमोग्लोबिन स्तर 10.3 होना चाहिए। चिकित्सकों ने तत्काल इलाज शुरू किया और बच्चा तकरीबन 12 दिन अस्पताल में भर्ती रहा। इस दौरान ख़ुशी टीम समय-समय पर विजय और उसके परिजनों से मिलती रही और उनकी काउंसिलिंग भी करती रही। खुषी टीम को यह भी जानकारी मिली की उसके घर में दो वक्त के भोजन की भी सही उपलब्धता नही है। इस पर सोषियल मीडिया के जरियें ऐसे परिवारों के सहयोग के लिए लोगों से खाद्यान्न का सहयोग मांगा गया। परिणामस्वरूप लगभग 450 किलोग्राम दालें और चावल इकठ्ठा हुए। विजय के घर पर आवश्याकतानुसार खाद्यान्न पहुंचाया गया। लगातार प्रयत्न के बाद स्थानीय ग्राम पंचायत और आंगनवाड़ी केन्द्र से अतिरिक्त पोषाहार भी पहुंचा। फलस्वरूप बच्चे और उनके परिजनों की स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार आया है। नवम्बर में विजय का हिमोग्लोबिन 10.2 हो गया है।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा राजस्थान सरकार के सहयोग से चलाए जा रहे 2295 खुशी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 3 से 6 वर्ष तक की आयु के लगभग 44,000 ग्रामीण बच्चों को सुपोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।