पुरूस्कार के लिए आवदेन की अंतिम तारीख 12 अप्रेल
उदयपुर। फिल्मसिटी संघर्ष समिति की ओर से शहर में छिपी प्रतिभाओं को बाहर लाने, फिल्मों से जुड़ी हर विधा में पारंगत महिला-पुरूष, युवक-युवती को अभिप्रेरित करने एवं शहर में फिल्मसिटी खोले जाने को लेकर पिछले कई वर्षो से की जा रही मांग को ले कर द्वितीय अशोका सिने अवार्ड समारोह 15 अप्रेल को शोर्यगढ़ रिसोर्ट में आयोजित किया जाएगा।
समिति के प्रमुख एवं राजस्थान लाईन प्रोड्यूसर मुकेश माधवानी ने आज अशोका पैलेस में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि फिल्मों से जुड़ी किसी भी विधा में पांरगत युवक-युवती, महिला-पुरूष इस समारोह में भाग लेने के लिए 12 अप्रेल तक आवदेन कर सकता है। पुरूस्कार के प्राप्त आवेदनों में से 25 श्रेष्ठ प्रविष्ठि को टॉफी के साथ पुरूस्कृत किया जाएगा। जिसमें 4 प्रविष्ठियंा राजस्थानी फिल्मों के लिये होगी।
राजस्थान लाईन प्रोड्यूसर अनिल मेहता ने बताया कि समारोह में शहर की एक प्रतिभा को लाईफ टाईम अचीवमेन्ट सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। समिति के प्रवक्ता दिनेश गोठवाल ने बताया कि इस समारोह को रोचक बनाने के लिए इसमें टेलेन्ट हंट प्रतियोगिता एवं फैशन शो का आयोजन किया जाएगा। जिसके विजेता भी पुरूस्कृत होंगें।
इस अवसर पर शालिनी भटनागर एवं लीना शर्मा ने बताया कि आयोजन में रंगारंग संास्कृतिक कार्यक्रम भी होंगें। जिसमें शहर प्रतिभाओं द्वारा गीत, संगीत की प्रस्तुतियंा दी जाएगी। इसके अलावा शहर की एक प्रतिभा द्वारा बनाये गये गीत की लॅान्चिग भी की जाएगी।
संतोष कालरा ने बताया कि शहर में पिछले कुछ वर्षो से फिल्मसिटी खोलने की मांग की जा रही है। जिसके लिए 300 बीघा जमीन की आवश्यकता होगी। यदि राज्य सरकार इस जमीन को आसानी से उपलब्ध करा देती है तो बॉलीवुड के निवेशक यहंा पर धन लगाने के लिए तैयार है। फिल्मसिटी निर्माण हो जाने पर राज्य सरकार को अनुमानतः सालाना 500 रूपयें करोड़ के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर प्रन्यास व निगम को भी फिल्मों एवं टीवी सीरियलों के होने वाले निर्माण से राजस्व प्राप्त होगा।
समिति के सूर्यप्रकाश सुहालका ने बताया कि शहर में होने वाली फिल्मों एवं टीवी सीरियलों की शूटिंग के लिए स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए तैयार रहते है,ऐसे में यदि यहंा फिल्मसिटी निर्माण होता है तो स्थानीय प्रतिभाओं को बॉलीवुड में अपनी प्रतिभा को दिखानें का मौका मिल सकेगा।
अनिल मेहता ने बताया कि राज्य सरकार चाहे तो रिसर्जेन्ट राजस्थान की भंाति फिल्म निर्माता-निर्देशकों को आमंत्रित कर शहर में फिल्मसिटी निर्माण के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। फिल्मसिटी में विभिन्न आकारांे के बड़े-बड़े हॉल बनेंगे। निर्माता प्रोजेक्ट के अनुसार कम लागत में सेट लगा पायंेगे और शेष भूमि पर एयरपोर्ट,रेलवे स्टेशन,एवं किसी गांव के दृश्यों का फिल्माकंन कर शूटिंग की जा सकेगी।
संतोष कालरा ने बताया कि वर्तमान में शूटिंग के लिए कैमरा, लाईट्स, जिमेजिप, क्रेन आदि विभागों के उपकरण बाहर से मंगवाने पर प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती है। फिल्मसिटी की स्थापना हो जाने पर ये सभी उपकरण यहीं पर आसानी से कम लागत में उपलब्ध हो जायेंगे। साथ ही उदयपुर में रिकॉर्डिंग,एडिटिंग स्टूडियों एंव तकनीकी सुविधाएं स्थापित हो पायेगी।
मुकेश माधवानी ने बताया कि फिल्मसिटी निर्माण के पश्चात यहंा पर हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा तथा राज्य की प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर मिलेगा। आज भी उदयपुर के त्रिवेणी थियेटर संस्था से जुड़े रंगमंच के कलाकारों का बॉलीवुड में लोहा माना जाता है। उदयपुर में फिल्मसिटी की विपुल संभावनाएं निहित है। यहंा पर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, रेल एवं बस की सुविधाएं उपलब्ध है। ऐसे में पर्यटन सिटी की पहिचान फिल्मसिटी के रूप में भी होगी। इस अवसर पर दीपक गोहरानी, डॉ. स्वीटी छाबड़ा, घनश्याम शर्मा, बिन्दु शर्मा व डॉ. हिमंाशु ने भी प्रेस वार्ता को संबोधित किया।