उदयपुर। आचार्य महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती शासन मुनि सुखलाल, मुनि मोहजीत कुमार, मुनि भव्य कुमार, मुनि जयेश कुमार का झीलों की नगरी उदयपुर जिले की सीमा में प्रवेश पर तेरापंथ युवक परिषद की ओर से भव्य स्वागत किया गया।
तेरापंथी सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने बताया कि तेयुप अध्यक्ष राकेश नाहर के नेतृत्व में लगभग 41 युवा साथियों एंव किशोर साथियों ने उदयपुर से लगभग 25 किलोमीटर दूर अनन्ता हॉस्पिटल पर मुनिवृन्द का उत्साह पूर्वक ऐतिहासिक स्वागत-अभिनंदन किया।
इस अवसर पर शासन श्री मुनि सुखलाल ने युवकों को संबोधित करते हुए कहा कि युवक शक्ति का पुंज है। उसे अपने सामर्थ्य का सदुपयोग करना चाहिए। युवकों को सेवा, संस्कार एंव संगठन के भावों को विकसित करना है। राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 8 पर युवकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति आस्था व भावना को प्रकट करने का प्रत्यक्ष प्रमाण था। मुनि मोहजीत कुमार ने युवाओं, किशोरों को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि नई पीढ़ी में सद्व्यवहार व सुसंस्कारों का जागरण हो। सकारात्मक सोच व निष्काम कर्म के भावों विकास हो।
आध्यात्मिक सूत्रों के मंत्र दाता थे आचार्य महाप्रज्ञ
आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी साधना श्रीजी के पावन सानिध्य में आचार्य महाप्रज्ञ की अष्टम पुण्यतिथि पर आनंद नगर में कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ हंसराज बोहरा ने चैत्य पुरुष जग जाए, मंगल गीत से किया। साधना श्रीजी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ तेरापंथ धर्म संघ की महान विभूति थे। वे एक प्रतिभा संपन्न आचार्य होने के साथ अपने गुरु के प्रति पूर्ण समर्पित थे, इसलिए वे जैन शासन के एक प्रभावशाली आचार्य बने। वे महान दार्शनिक होने के साथ-साथ कुशल प्रवचनकार भी थे। संस्कार चैनल के माध्यम से अनेक लोगों ने उनके प्रवचनों का लाभ लिया। साध्वी विमल प्रभाजी ने कहा कि राष्ट्रसंत आचार्य महाप्रज्ञ ने अहिंसा यात्रा के माध्यम से लोगों को जो संदेश दिया वह आज भी सबके लिए कल्याणकारी है। वे एक महान साहित्यकार थे। उन्होंने अपने जीवन में 300 से अधिक साहित्य लिखे। साध्वी सन्मति श्रीजी ने कहा कि प्रेक्षा -प्रणेता ने समाज के लिए अनेक नए-नए प्रयोग बताए जिनके माध्यम से अनेक लोगों के जीवन में बदलाव आया। वे प्रत्येक मानव में मानवता का संस्कार भरने वाले आचार्य थे। साध्वी अखिलयशा ने कहा आचार्य महाप्रज्ञ अध्यात्म पुरुष महायोगी थे। साध्वी मृदुप्रभा ने कहा की आचार्य महाप्रज्ञ एक महान सूर्य थे। उनकी तेजस्विता ने दुनिया को नया प्रकाश दिया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता, लादू लाल मेडतवाल एवं महिला मंडल अध्यक्षा चंद्रा बोहरा ने भी आराध्य को आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी जागृतियशा ने किया।