कावडियों ने लगाये भारत माता के जयकारे
भोलेनाथ के जयकारों से गुंजा पूरा शहर
शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई पहुंची उभयेष्वर धाम मंदिर
उदयपुर षिव महोत्सव समिति की ओर से नाग पंचमी को निकलने वाली गंगु कुंड से प्रातः 8.30 बजे 14वी कावड़ यात्रा को तांबे के कलष में भरे सात नदियों के पवित्र जल की मुख्य अतिथि महाराज विश्वराज सिंह मेवाड सहित अन्य अतिथियों ने पूजा अर्चना कर कावड़ यात्रा को रवाना की।
यात्रा संयोजक रामकृपा शर्मा ने बताया कि कावड यात्रा के बीच रास्ते में केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू कष्मीर से धारा 370 व धारा 35 ए को हटाये जाने की सूचना मिलते ही कावड़ियों व कार्यकर्ताओं द्वारा उभयेष्वर महादेव परिसर में जोरदार भारत माता के जारे दार जयकारे लगाये गये और केन्द्र सरकार के कदम की सभी से अपने मन से सराहना की।
भव्य भजन संध्या का हुआ आयोजन:- उभयेष्वर मंदिर परिसर में उबेष्वर सत्संग मंडल की ओर से मातारानी की झांकियो के साथ माता के भजन गये साथ ही सात दिवसीय समारोह में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं का मंडल की ओर से अध्यक्ष देवी सिंह ने सभी का उपरणा, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
पहाडो में गुंजे बाबा के जयकारे
कावड़ यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं शहर के महिला, पुरूष एवं बच्चों ने उत्साह के साथ पूरे रास्ते बाबा के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। उदयपुर शहर के पूरा गली, मोहल्ला एवं धार एवं मोरवानिया के पहाड़ महादेव के जयकारो से गुंज उठे। प्रभारी रामकृपा शर्मा ने बताया कि प्रातः 6 बजे से झाडोल, फलासिया, उबेष्वर, धार, गोरिल्ला, मोरवानिया एवं शहर के कावडिये सफेद बनियान, कुर्ता एवं धोती पहन कर अपने अपने वाहनो से आने का क्रम जारी रहा जो यात्रा शुरू होने के बाद तक आते रहे। इस बार कार्यकर्ताओं द्वारा 7 हजार कावड तैयार की गई जो भी कम हो गई। सबसे कम उम्र का 5 वर्ष का कावडिया था तो सबसे अधिक उम्र की 75 वर्षीय बुजूर्ग महिला थी जो धीरे धीरे उबेष्वर धाम पहुंच कर महादेव का अभिषेक किया। शहर से आने वाले कावडिये एवं भक्तों के लिए उबेष्वर वैष्णवदेवी विकास समिति की ओर से भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। शाम तक उदयपुर से भक्तों के आने का क्रम जारी रहा। करीब 11 हजार से अधिक भक्तों ने इसका लाभ उठाया।
प्रवक्ता कृष्णकांत कुमावत ने बताया कि कावड़ यात्रा प्रातः 8.30़ बजे गंगु कुंड से रवाना होकर आयड़, अषोक नगर, शक्ति नगर, टाउन हाॅल, बापू बाजार, देहली गेट, तीज का चैक, मंडी की नाल, मोचीवाडा, घंटाघर, जगदीष चैक, गडियादेवरा, चांदपोल, ब्रहमपोल, दुधिया गणेष जी, रामपुरा, गोरेल्ला, मोरवानिया होते हुए 22 किलोमीटर का सफर तय कर उबेष्वर महादेव पहुंची जहाॅ कावडियों ने पवित्र जल से महादेव का अभिषेक किया। सुबह चार बजे से ही उबेष्वर महादेव मंदिर परिसर में 21 पंडितों द्वारा रूद्राभिषेक कर शाम को 7 नदियो के जल गंगोत्री, जमनोत्री, माना बोर्डर, सरस्वती, कैलाष मानसरोवर, भागीरथ नदी, मंदाकिनी कें जल से महादेव का अभिषेक कर उनका शुद्धिकरण किया गया।
पहला कावड़िया पहुचा 12.15 बजे : प्रथम कावड यात्री दोपहर 12 बज कर 05 मिनिट पर उबेष्वर महादेव पहुंचा जहा उसने महादेव का अभिषेक किया। दोपहर बाद कावड़ियोें की एक किलोमीटर लम्बी लाईन लगी जिससे थके हुए कावड़ियों का काफी देर तक महादेव का इंतजार करना पडा।