निर्माण कार्यकमों में बिछड़ी स्कूल हॉल, सिंहदा सखी हॉल और सिंहदा कक्षा शामिल
विकास से आसपास के क्षेत्र के लगभग 1000-1500 लोग होंगे लाभाविन्त
उदयपुर। देश की सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता, सीसा और चांदी की सर्वाधिक उत्पादक हिन्दुस्तान जिंक ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्र के विकास हेतु दृढ़ संकल्पित है कंपनी की पहली प्राथमिकता आस पास के समुदाय के लोगो से जुड़कर उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में उनकी मदद करके समावेशी विकास प्राप्त करने की दिशा में प्रयास किए जाते हैं। देबारी के पास गांवों में उचित आधारभूत सुविधाएं बनाने के दृष्टिकोण में 3 निर्माण कार्यों की आधारशिला 13 दिसंबर, 2021 को हुई। निर्माण कार्यक्रमों में बिछड़ी स्कूल हॉल, सिंहदा सखी हॉल और सिंहदा कक्षा शामिल हैं। बिछड़ी पंचायत के बिछड़ी और सिंहदा गांव कंपनी के परिचालन क्षेत्र जिंक स्मेल्टर देबारी के पास के दोनों गांव हैं। आधारभूत विकास से आसपास के क्षेत्र के लगभग 1000-1500 लोगों को लाभ होगा।
इस कार्यक्रम में श्री लीलाधर पाटीदार (एसबीयू प्रमुख, देबारी), श्री विनीत गर्ग (वित्त प्रमुख, देबारी), श्री दिगंबर पाटिल (पर्यावरण और सुरक्षा प्रमुख, देबारी), श्री विजय पारीक (सुरक्षा प्रमुख, देबारी) उपस्थित थे। श्री आर एल शर्मा (एसटीपी प्रभारी), श्रीमती शमा जैन, श्रीमती हंसा व्यास, सुश्री शोनिता सुवर्णा (मानव संसाधन विभाग)। एचजेडएल टीम के साथ पीआरआई सदस्य, समुदाय और सखी महिलाएं मौजूद थीं। इन संरचनाओं का उपयोग छोटे पैमाने के आयोजनों और स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
श्रीमती सुनीता बोरीवाल (स्कूल प्राचार्य, बिछड़ी) ने कहा कि“ जब गांव के विकास की बात आती है, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में हिंदुस्तान जिंक सदैव तत्पर रहा है। हम उनकी सभी उदारता और हमेशा स्कूलों और समुदाय के बारे में सोचने के लिए उनके बहुत आभारी हैं। हमें उम्मीद है कि हम स्कूल हॉल का पूरा उपयोग करेंगे ताकि छात्रों को सर्वोत्तम तरीके से लाभान्वित किया जा सके।”
श्रीमती उमा (एसएचजी सदस्य, सखी) ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे गांव में एक ‘सखी हॉल’ विकसित किया जा रहा है। हमेशा महिलाओं का साथ देने और उनके विकास में काम करने के लिए सभी महिलाएं हिंदुस्तान जिंक की बहुत आभारी हैं। सखी कार्यक्रम ने हमें और अधिक सशक्त बनाया है और इसके लिए अपना पक्ष रखने के लिए हमें और अधिक आश्वस्त किया है, हम संगठन के बहुत आभारी हैं।”