अनुज व परिवार से कोई नहीं हुआ शामिल
उदयपुर। मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ की देह सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। उन्हें मुखाग्नि उनके पुत्र विश्वराजसिंह मेवाड़ और पौत्र ने दी। रविवार सुबह 83 साल की उम्र में निधन हो गया था। मेवाड़ ने अनंता हॉस्पिटल में रविवार को दोपहर अंतिम सांस ली। उन्हें ब्रेन स्ट्रोक के बाद यहां पर भर्ती करवाया गया था।
विश्वराज सिंह नाथद्वारा से भाजपा विधायक और बहू महिमा कुमारी राजसमंद से सांसद हैं। हालांकि रियासतों का विलीनीकरण हो चुका है फिर भी 1984 में सभी जागीरदारों ने भगवतसिंह मेवाड़ के ज्येष्ठ पुत्र के नाते महेन्द्रसिंह मेवाड़ का राजतिलक किया था। उल्लेखनीय है कि मेवाड़ के महाराणा भगवान एकलिंगनाथ को महाराणा और स्वयं को उनका दीवान मानते आए हैं। महेन्द्रसिंह मेवाड़ के अनुज अरविंदसिंह मेवाड़ एवं उनके परिवार के किसी के अंतिम यात्रा में शामिल नहीं होने की शहरवासियों में चर्चा रही। उल्लेखनीय है कि पुश्तैनी संपत्ति विवाद को लेकर न्यायालय में मामले विचाराधीन हैं। हाल ही में राष्ट्रपति के सिटी पैलेस में जाने के विरोध में विधायक विश्वराजसिंह मेवाड़ और सांसद महिमा कुमारी ने पत्र भी लिखा था।
इससे पूर्व सुबह सभी राव-उमराव, जागीरदार ने समोरबाग में अंतिम दर्शन कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। महेन्द्रसिंह मेवाड़ की अंतिम यात्रा सुबह 11 बजे समोर बाग़ से आरंभ हुई जहां से जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, भड़भूजा घाटी, देहलीगेट होते हुए महासतिया पहुंची। रास्ते भर में अमर रहे का जयघोष गूंजता रहा और पुष्प वर्षा की गई। हजारों नम आखों ने अंतिम दर्शन किए। हर कोई मेवाड़ के एकलिंग दीवान महाराणा के अंतिम दर्शन कर भाव विभोर हो रहा है। सीएम भजनलाल शर्मा जयपुर से सीधे पोन 11 बजे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के मदनसिंह राठौड़ के साथ पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की व यहां से सीधे चावंड सभा के लिए रवाना हो गए। कई नेता, समाजसेवी, क्षत्रिय समाज के मेवाड़ सहित राज्यभर से प्रतिनिधि व संगठनों के पदाधिकारी भी पहुंचे। महेंद्रसिंह मेवाड़ को डोल में विराजित कर यात्रा 11 बजे आरंभ हुई। सोशल मीडिया पर उन्हें अंतिम विदाई देने वालों का तांता लगा रहा।