उदयपुर। माईनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, राजस्थान चैप्टर उदयपुर एवं हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में खनन उत्कृष्टता केन्द्र (निरन्तर सुधार एवं असेट ऑप्टीमाइजेशन) विषयक दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन 26 व 27 अप्रेल को रामी रॉयल रिसोर्ट में किया जा रहा है। इस कॉन्फ्रेंस में देश विदेश चाईना, साउथ अफ्रीका. जंाबिया, ऑस्ट्रेलिया, पेरू, कॉलबिया एवं आबुधाबी आदि के खनन विशेषज्ञ भू-वैज्ञानिक भाग ले कर अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। देश के लगभग 15 राज्यों से भी खनि अभियंता एवं भू वैज्ञानिक अपना शीघ्र प्रस्तुत करेंगे।
इस सन्दर्भ में आज माईनिंग इन्जिनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उदयपुर चेपटर द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई। जिसमें उपरोक्त जानकारी देते हुए चेप्टर अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने बताया कि एक राष्ट्रीय संगठन है जिसके देश एवं विदेश में 6000 से अधिक सदस्य है तथा भारत में 27 शाखाएँ है जिनमें से 3 शाखाएँ राजस्थान में उदयपुर, जोधपुर व जयपुर में है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह अयस्क ग्रेड में कमी, उथले खनिज भडारी का अत्यधिक दोहन, नई खोजों में देरी, गहरे महारी के खनन की विशिष्ट तकनीकी आवश्यकताओं, खदान से मिल या गड्डे से बंदरगाह तक कई मुद्दों का प्रबंधन मामूली घातु और उप-उत्पाद की वसूली सुनिश्चित करना, मूल्य संवर्धन और अपशिष्ट का उपयोग, भू-तकनीकी मुद्दे, पर्यावरण संबंधी चिंताएँ, कुशल पेशेवरों की कमी, सामग्री आपूर्ति में रुकावटें और इसी तरह की अन्य चुनौतियों का सामना कर रहा है।
एमईएआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अरूण कोठारी ने बताया कि इस संगोष्ठी में खनन अन्वेषण, उत्खनन पर्यावरण, रिसोर्स मोडलिंग एवं रिर्जव रिसॉस,इन्चेन्द्री मेनेजमेन्ट का टेक्नीकल सोल्युशन, स्वचालन,कृत्रिम बुद्धि,एवं रोबोटिक्स का खनन उधोग में उमग्रीग, इंटरनेट ऑफ थिंग, ओटोमेटेड ड्रोन, 3डी प्रिटींग एवं विद्युत चलित वाहनो का उपयोग वेस्ट से वैल्थ की तरफ, उत्पादकता एवं उपकरणो का पूर्ण दक्षता से उपयोग, खनन की लागत को कम करना, नवाचार एवं उच्च तकनीकी में कानुन का महत्व, खनन क्षेत्र में ट्रेनिंग एवं स्कील्ड डवलपमेंट आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेगे। जिसका सीधा सीधा लाभ इस क्षेत्र में कार्य करने वाले इंजीनियरो, उधोगपतियों के साथ इस उद्योग में कार्य करने वालो के रोजगार के अवसर बढ़ेगे।
इस अवसर प्रो. एस.एस. राठौड़ ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य खनन उद्योग की जटिल समस्याओं को हल करने तथा निस्तर सुधार और परिसंपत्ति अनुकूलन के माध्यम से इसकी दक्षता लाभप्रदता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लाभों पर खुले विचार-विमर्श को बढ़ावा देना है। यह भारत और दुनिया भर के महत्वपूर्ण हितधारकों यानी नीति निर्माताओं, प्रबंधकों, इंजीनियरों, उद्यमियों, नियामक निकायों, भू-वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के बीच विचारों और चर्चाओं के आदान-प्रदान के लिए मंच प्रदान करेगा।
चेप्टर सचिव आसिफ अंसारी ने बताया कि गंडार और संसाधनों की खोज और रिपोर्टिंग में नवाचार, नए युग के खनिज और उनका रणनीतिक महत्व,सुरक्षा और पर्यावरण में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना,रणनीतिक खदान डिजाइन और मूल्य अनुकूलन,ड्रिल और ब्लास्ट, खदान विकास और स्टॉपिंग सहित खनन में उत्कृष्टता, खनन में स्वचालन,कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और रोबोटिक्स के उपयोग,खनन और बेंचमार्क प्रथाओं में टीएमएम,अपशिष्ट से धनके लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग पर शोधपत्र प्रस्तुत किये जायेंगे।
इस अवसर पर पुरू देश के अम्बेसडर जेवियर मेन्यूअल जो कि प्राकृतिक संसाधनो के अन्वेषण एवं दोहन विशेषज्ञ है, इस अवसर पर एक विशिष्ट तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कर अपनी भागीदारी प्रस्तुत कर इस कॉन्फ्रेंस की शोभा शोभा बढायेंगे। इस सेमिनार में विषय विशेषज्ञों के साथ साथ खनन उधोग से जुड़े हुए 400 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। विश्वास है कि यह सेमिनार खनन उघोग में नवाचार एवं आधुनिक तकनीक द्वारा अमूलचूल परिवर्तन कर खनिज दोहन, निर्गमन, बेनिफिशियशन, पर्यावरण संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा।
अर्न्तराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारेाह के मुख्य अतिथि पी एन शर्मा, महानियंत्रक भारतीय खान ब्युरो, नागपुर होगे तथा विशिष्ट अतिथि प्रबन्ध निदेशक खान विभाग भगवती प्रसाद कलाल, जिला कलेक्टर नमित मेहता, निदेशक खान एवं भूविज्ञान विभाग दीपक तवर,एवं हिजिंलि के सीईओ अरुण मिश्रा, होगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एस एन माथुर, अध्यक्ष, एमईएआई एवं कीनोट स्पीकर रादे शर्मा आबुधाबी प्रस्तुत करगें। दो दिवसीय सेमिनार में विषय विषेषज्ञों द्वारा तीन तकनीकी सत्र में लगभग 25 पत्रो का वाचन किया जायेगा। कॉन्फ्रेंस का समापन दिनाक 27 अप्रेल को होगा।