उदयपुर। देश की प्रथम पेन स्पेशलिस्ट डॉ. पलक मेहता द्वारा मरीज के शरीर के किसी भी अंग में हो रहे दर्द के ईलाज में अब रेडियो फ्रिक्वेंसी उपचार की विधि अपनाये जाने से हजारों रोगियों को चीर-फाड़ वाले ऑपरेशन से मुक्ति मिली।
दर्द के ईलाज में कारगर इस अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति में शरीर में दर्द हो रहे स्थान पर चमड़ी को सुन्न कर रेडियों फ्रिक्वेंसी से किया जा रहा उपचार रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस चिकित्सा पद्धति में रोगियों को वर्षो पुराने दर्द से मुक्ति मिली है।
डॅा.पलक मेहता ने बताया कि इस पद्धति में चीर फाड़ व टांके लिये बिना मात्र चमड़ी को सुन्न कर इलाज किया जाता है। इस पद्धति से मदस्विता, लगातार बैठिला जीवन,डायबिटीज, घाव,अधिक वजन उठाना, अधिक कसरत करने से जैसे मनके,हाथ-पैर के जोड़, घुटने,कंधे,गर्दन, जबड़े या सिरदर्द जैसी परेशानियंा पैदा होती है और उस दर्द निवारण के लिये चिकित्सक उन्हें गोलियंा दे देते है लेकिन वास्तव में वे गोलियंा उस दर्द का हल नहीं है। अहमदाबाद के नवरंगपुरा स्टेडियम रोड़ पर आभूषण कॉम्पलेक्स में पेन केयर क्लिनिक चलाने वाली डॅा.पलक मेहता ने बताया कि चिकित्सक सलाह के बिना दर्द निवारक की अंधाधुंध गोलियंा लेने से उससे अनेक साईडइफेक्ट हो जाते है जो पेट में छाले, किडनी की तकलीफ,ब्लडिंग जैसी बीमारियां के रूप में सामने आते है।
उन्होनें बताया कि उपरोक्त बीमारियों में दर्द के अलावा साईटिका,कैंसर के दर्द का भी ईलाज संभव है। उन्होनें बताया कि कुछ मामलों में ऑपरेशन के पश्वात दर्द होता है जिसे रीढ पर पेसमेकर जैसा साधन लगा कर उसे रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरीये ठीक किया किया जा सकता है। इस पद्धति से किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है और इसमें मरीज को मात्र 4-5 घंटे में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है तथा यह पद्धति अन्य पद्धतियों की तलना में काफी सस्ती रहती है। मुख्य बात यह है कि इस पद्धति में 15 वर्ष से अधिक व्यक्तियों का ही ईलाज किया जाता है। डॅा. पलक मेहता से अपने दर्द के सन्दर्भ में जानकारी के लिए 09825347957 पर सम्पर्क किया जा सकता है। डॅा. पलक मेहता द्वारा आगामी 28 जुलाई को सागवाड़ा में शिविर आयोजित किया जाएगा।