udaipur. जैसे जैसे ठंड बढ़ने लगी है, वैसे वैसे ही हर जगह बदलाव आ रहा है। चाहे वह बाजार बंद होने को लेकर हो या खाने में।
बाजार शाम ढलते ही बंद होने लगे हैं। 9 बजे तक तो अंदरुनी बाजार अमूमन सारे बंद हो ही जाते हैं। सुबह नहाते समय सभी को गर्म पानी का इंतजार रहने लगा है। या तो गीजर से या गर्म रॉड से। बच्चों को नहाकर स्कूल जाने की जल्दी रहती है वहीं व्यवसायियों और नौकरीपेशा लोगों को भी अपने अपने अनुसार जल्दी रहती ही है।
पहनावे में गर्म कपड़ों ने भी कमरों में अपनी जगह बना ली है। चादर का स्थान कम्बल या रजाई ने ले लिया है वहीं हाफपेंट या बरमूडे के बजाय फुल नाईट सूट आ गए हैं। बुजुर्ग विंटर इनर वियर पहनकर ही बाहर निकलने लगे हैं। खाने में गर्मागर्म कचौरियों, पकौड़ों की दुकानों पर भीड़ रहने लगी है वहीं ठंड के पकवान गजक, मूंगफली का चपड़ा आदि के ठेले चहुंओर दिखने लगे हैं।