Udaipur. फांदा तलाब के पेटे से सड़क निकालने का प्रयास झील को तबाह कर देगा। ये विचार झील संरक्षण समिति के सहसचिव अनिल मेहता ने डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित संवाद में व्यक्त किये।
मेहता ने आगे कहा कि तालाब पेटे से सड़क निकालने से राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा छोटे तालाबों के सन्दर्भ में दिये गये आदेशों की भी आवमानना होगी। मेहता ने जोशी के तालाब की पाल की तत्काल मरम्मत की मांगी की। झील संरक्षण समिति के सचिव डॉ. तेज राजदान ने कहा कि फतहसागर के ओवरफ्लो की पुलिया को चौडा़ नहीं करना चाहिये। प्रस्ताव पूर्व में भी बना था जिसे झील संरक्षण समिति के कहने पर तत्कालीन कलक्टर अभय कुमार ने निरस्त कर दिया था। चान्दपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने कहा कि फतहसागर किनारे कलेक्ट्रेट भवन तथा सरकारी क्वाटर्स नहीं बनने चाहिये। इनसे फतहसागर क्षेत्र में आवाजाही बढेगी जिससे ध्वनि व वायु प्रदूषण बढने के साथ झील का प्राकृतिक स्वरूप को भी नुकसान पहुंचेगा। संवाद का संयोजन करते हुए नन्दकिशोर शर्मा ने कहा कि छोटे तालाब भूजल पुनर्भरण तथा बाद में बाढ़ नियंत्रण में प्रमुख भूमिका निभाते है इनको क्षति पहुंचाने से उदयपुर शहर के विकास को गंभीर क्षति पहुंचेगी।