हिन्दुस्तान ज़िंक की मेजबानी
उदयपुर. वेदान्ता समूह की हिन्दुस्तान जिंक तथा विश्व का सबसे बडा एकीकृत जस्ता, सीसा, चांदी उत्पादक इस वर्ष २०-२२ अक्टूबर, २०११ को झीलों की नगरी के होटल इन्दर रेजीडेंसी में प्रस्तावित १२ वें अन्तर्राष्ट्र्रीय खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिक सम्मेलन (एमपीटी-२०११) की मेजबानी करेगा.
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य प्रचालन अधिकारी अखिलेश जोशी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि हमें पूर्ण विश्वास है कि इस सम्मेलन में खनिज संसाधनों के पूर्ण सद्पयोग तथा अपशिष्ट प्रबन्धन पर गहन विचार किया जाएगा. तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्र्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के ५०० से अधिक प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। उदयपुर में प्रस्तावित सम्मेलन में अलौह धातुओं एवं औद्योगिक खनिजों के हाल में हुए तकनीकी विकास विषय पर मंथन किया जाएगा। सम्मेलन में उद्योग जगत के विशेषज्ञों द्वारा लगभग २५० शोधपत्र प्रस्तुत किये जाएंगे.
हिन्दुस्तान जिन्क ने अत्याधुनिक केन्द्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाळा की स्थापना १९७६ में की. जिसका मुख्य उद्देश्य धातु अपशिष्ट से धातु की प्राप्ति, अपशिष्ट मूल्य वृद्धि एवं अनुकूल अपशिष्ट प्रबंधन को बढावा देना है। हिन्दुस्तान जिंक की इस केन्द्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला में उद्योगों के लिये कई नयी शोधविधियॉं विकसित की हैं जिनमें कम ग्र्रेड सीसा एवं गर्म गैस प्रेसिपीटेटर धूल से सीसा एवं चांदी का उत्पादन करना, चांदी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये उत्प्लवान (फ्लोटेशन) प्रक्रिया के सफल प्रयोग से विभिन्न प्रक्रियाओं को विकसित करना शामिल है.
हिन्दुस्तान जिंक की केन्द्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (सीआरडीएल) भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त है और यह प्रयोगशालाओं के परीक्षण एवं सामग्री परीक्षण के लिए अमेरिकन सोसायटी (ए.एस.टी.एम) की ऑनलाईन निर्देशिका में सूचीबद्ध है.
वेदान्ता आने वाले समय में इस अनुसंधान प्रयोगशाळा का अत्याधुनिक विकास एवं विस्तार के लिये अग्रसर है।
१२वां अन्तर्राष्ट्र्रीय मिनरल प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी (एमपीटी-२०११) का आयोजन हिन्दुस्तान जिंक एवं इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल इंजिनियर्स (आईआईएमई) संयुक्त रूप से करेगी जिसमें अब तक २३० शोध-पत्र प्राप्त हो चुके है तथा लगभग २५० शोधपत्र प्रस्तुत किये जाएंगे.
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