Udaipur. आखिर शहर कांग्रेस सड़क पर कब तक धक्के खाती रहेगी। इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव यानी राज्य की सत्ता का संघर्ष…। जिसके पास सत्ता है, उसे कोई चिंता नहीं है वहीं जो विपक्ष में है, वह सत्ता पाने को लालायित है।
एक ओर जहां भाजपा की ओर से नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे के नेतृत्व में अप्रेल के प्रथम सप्ताह से राजसमंद जिले के श्रीकृष्णधाम चारभुजाजी से निकाली गई सुराज संकल्प यात्रा का धूमधाम से समापन हो गया। अग्रिम संगठनों में महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यसक्ष सुमन शर्मा हो या युवा मोर्चा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष निर्मल कुमावत..। सभी यात्रा के 20 दिन पहले से तैयारियों के सिलसिले में उदयपुर आकर कार्यकर्ताओं को खंगाल गए। इसके ठीक विपरीत कांग्रेस की संदेश यात्रा मेवाड़ संभाग में तो आई लेकिन उदयपुर तक नहीं पहुंची।
शहर कांग्रेस तो बैठने तक को तरस गई है। कोई बैठक करे तो कहां? कार्यालय तक नहीं रहा। पहले देहलीगेट पर था तो वहां से खदेड़कर निकाला गया। फिर गिरिजा व्यास के चुनाव लड़ने के दौरान चेटक सर्किल पर अस्था़यी कार्यालय मिला तो उसे भी धक्का गाड़ी कर अब तक चलाते रहे और अब वहां से भी खदेड़कर निकाला गया। फिलहाल शहर जिलाध्य क्ष नीलिमा सुखाडि़या ने अपने निवास स्थाखन पर ही अस्थाफयी कार्यालय खोल रखा है लेकिन गुटबाजी में फंसे कांग्रेसी उस कार्यालय में जाना नहीं चाहते। उधर नीलिमा सुखाडि़या का कहना है कि मैंने तो कार्यकर्ताओं की सुविधा के लिए यहां कार्यालय खोला है। अगर कोई और कार्यकर्ता कार्यालय की व्य्वस्था करे तो मुझे क्या आपत्ति है। मैं तो वहां चली जाऊंगी। कोई निशुल्क कार्यालय देने आए तो सही..।
जानकारी के अनुसार देहात के साथ शहर कांग्रेस को भी माछला मगरा पर कांग्रेस कार्यालय के लिए जमीन आवंटित की गई थी। देहात की जमीन पर तो तत्कालीन जिलाध्यक्ष ने कब्जा कर अपना शोरूम खोल लिया। जब तक चला.. तब तक चला लेकिन समय बदला और देहात जिलाध्यक्ष भी बदल गए। बदले तो उन्होंने पूर्व जिलाध्यक्ष से कार्यालय की जमीन मांगी लेकिन सूत्रों के अनुसार पूर्व जिलाध्यक्ष ने जमीन के कुछ हिस्से पर बनाए गए शोरूम के बदले कुछ किराया देना तय कर लिया। शहर कांग्रेस की जमीन जस की तस पड़ी है।
शहर जिलाध्यक्ष के पति दिलीप सुखाडि़या ने उक्त जमीन का नगर परिषद में कर जमा कराया जो करीब 90 हजार रुपए बना। इसके अलावा यूआईटी से नक्शा भी पास करवा दिया लेकिन अब जमीन पर भवन बनने की देर है। सुखाडि़या से बात करने पर उनका कहना था कि उनका इसमें कोई व्यक्तिगत हित नहीं है बल्कि सिर्फ शहर कांग्रेस के कार्यालय के लिए किया। यहां पर भवन बनाने की बात रही जिसके लिए भी मैं तैयार हूं लेकिन सभी कांग्रेसजन एक साथ एक मंच पर आए तो सही।