Udaipur. नारायण सेवा संस्थान की निदेशक वन्दना अग्रवाल ने कहा कि मां जीवनदायिनी है। मां तो आखिर मां है। उसे ईश्वर ने पृथ्वी पर सर्वकल्याण के लिए भेजकर पृथ्वी पर बड़ा उपकार किया है। इसलिए हम कह सकते है कि कोमल है, कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही ‘मां’ हैं।
वे आज महाराणा प्रताप वरिष्ट नागरिक संस्थान द्वरा विज्ञान समिति में मातृ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। संसथान के महासचिव भंवर सेठ ने महिला शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि म से मनस्वी, हि से हिम्मतवाली, ल से लज्जायुक्त के साथ करूणा, प्रेम व सहानुभूति जैसे नैसर्गिंक गुणों से युक्त मां के बिना संसार अधूरा है। इस अवसर पर डॅा. बी. एल. वर्मा ने मां बल देते हुए कहा कि मां के स्वास्थ्य का ध्यान रखना समाज की जिम्मेदारी है।
संस्थान की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष तारा दीक्षित व सचिव सुशीला कच्छारा ने कार्यक्रम में 75 माताओं का उपारना ओढ़ाकर सम्मान किया। अध्यक्षा दिलखुश सेठ ने नारी की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए ‘घटती संख्या नारी की है तो बहू कहां से आनी है’ पर गीत प्रस्तुत किया। समारोह में शकुन्तला गट्टानी, विमला सरूपरिया, फतहलाल नागौरी, के. के. कोठारी, गोपाल पारीख, फतहलाल कोठारी, पुखराज कटारिया, बसन्तीलाल कूकड़ा, नरेश शर्मा, भवानीशंकर गौड़ आदि ने मां पर अनेक प्रस्तुतियां दी। प्रारम्भ में शारदा तलेसरा ने ईश वंदना प्रस्तुत की। धन्यवाद नीलिमा सिरोया ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सभी महिलाएं मेवाड़ी वेशभूषा में उपस्थित थी।