बाल श्रम उन्मूलन दिवस यूसीसीआई में जागरूकता संगोष्ठी
Udaipur. जिला एवं सेशन न्यायाधीश रामचन्द्रसिंह झाला ने कहा कि कोर्ट में लम्बित मुकदमों के जल्दी निस्तारण हेतु लोक अदालत की महत्वपूर्ण भूमिका है। मध्यस्थ्ता से आपसी राजीनामे के माध्यम से कोर्ट के बाहर प्रकरण का निस्तारण करने में लोक अदालतें महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं।
वे उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर तथा बाल कल्याण समिति के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीसय बाल श्रम उन्मूलन दिवस पर चेम्बर भवन में जागरूकता संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंाने कहा कि जनोपयोगी स्थायी लोक अदालतों को दोनों पक्षों को सुनकर फैसला देने का अधिकार है तथा इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है। सामान्य लोक अदालत को केवल दोनों पक्षों में मध्यस्थ के माध्यम से आपसी राजीनामे द्वारा समझौता कराने का अधिकार है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ईश्वरीलाल वर्मा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हेमन्तसिंह बाघेला विशिष्टक अतिथि थे। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मंजू वर्मा, सदस्य डॉ. धर्मेश जैन तथा भगवतसिंह सांखला भी उपस्थित थे। मानद महासचिव आशीष छाबड़ा ने बाल श्रम उन्मूलन दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ताओं का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत किया। प्रश्नोरत्तर काल में झाला ने बताया कि यदि कोई प्रकरण पहले से सिविल न्यायालय में चल रहा है तो उस मामले को लोक अदालत में स्थानान्तरित करवाया जा सकता है। संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव हेमन्त सिंह एवं बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. धर्मेश जैन ने किया। कार्यक्रम के अन्त में बाल कल्याण समिति के सदस्य भगवतसिंह सांखला ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की।