Udaipur. महावीर युवा मंच की ओर से 28 जून को सुबह 8.30 बजे दानवीर भामाशाह की जयंती समारोहपूर्वक मनाई जाएगी। इससे पहले 22 जून से सभी संगठनों के साथ मिलकर सात दिन तक कार्यक्रम होंगे।
मंच के मुख्य संरक्षक प्रमोद सामर ने बताया कि हाथीपोल चौराहा स्थित भामाशाह सर्कल पर स्थित भामाशाह की मूर्ति के समक्ष माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ समारोहपूर्वक दानवीर भामाशाह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का स्मरण किया जाएगा। मंच अध्यक्ष राजेश चित्तौड़ा ने बताया कि मेवाड़ पर मुगलों की मंशा के कारण प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप को ऐसे जीवट व्यक्तित्व की महत्ती आवश्यकता थी जो प्राण-प्रण से मेवाड़ को सुरक्षित कर सके। प्रताप की आकांक्षा को भामाशाह ने तन-मन-धन से परिपूर्ण करते हुए हल्दीघाटी के महासमर में हरावल दस्ते में दाहिने ओर से मोर्चा संभालकर अपने अदम्य साहस व शौर्य का शाश्वत परिचय दिया। भामाशाह ने मैदानी जंग में ही जौहर नहीं दिखाया अपितु युद्ध के आर्थिक मोर्चे पर भी अदभुत प्रतिभा का परिचय दिया।
महामंत्री महेश कोठारी ने बताया कि देशभक्ति और स्वामित्व में वे अद्वितीय योद्धा थे। उन्होंने व्यवहार में ‘कम्मै सूंरा सो धम्मै सूंरा’ (जो कर्म में वीर है वही धर्म में वीर है) के आदर्श को चरितार्थ कर दिखाया। ऐसे कर्मवीर योद्धा का जन्म 28 जून, 1547 को चित्तौड़गढ़ में हुआ था एवं 16 जनवरी 1600 ई. को देवलोकगमन हुआ। कार्यक्रम में मंच के पदाधिकारियों के अतिरिक्त शहर के विभिन्न समाजों के प्रमुख जनप्रतिनिधि, व्यावसायिक संगठनों के पदाधिकारी आदि भी उपस्थित रहेंगे। मंच अध्यक्ष राजेश चित्तौड़ा ने बताया कि विभिन्न कार्यक्रमों की व्यापकता हेतु विभिन्न समाज एवं संगठनों से सम्पर्क करते हुए सभी के सहयोग से 22 जून से 28 जून तक विविध कार्यक्रमों के माध्यम से एक सप्ताह तक ‘भामाशाह जयंती समारोह‘ मनाते हुए स्मरण किया जाएगा।