22 नवम्बर को सुखेर थाना पुलिस की हिरासत से छूटने के बाद लापता था
Udaipur. शहर के सुखेर थाना क्षेत्र में गत दिनों पुलिस हिरासत से जमानत पर निकलने के बाद लापता नगर निगम के बागवान का शव थाने के सामने एक मार्बल माइंस के खड्डे में झाडियों के बीच गुदड़ी में लिपटा मिला।
मृतक के शरीर में चोट के निशान तथा गले में नोंचने व छेद के निशान के चलते पुलिस व परिजनों ने उसकी हत्या कर शव यहां फेंकने की आशंका जताई है। पुलिस ने बताया कि चौहानों का गुड़ा निवासी देवीलाल (55) को गत 22 नवम्बर को सुखेर थाना पुलिस ने उसी के गांव के एक ठेके पर शराब पीते समय सात लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। मेडिकल कराए जाने के बाद पाबंद करते हुए पुलिस ने सभी लोगों को खुद के मुचलके भरने के बाद रिहा कर दिया था लेकिन देवीलाल घर नहीं लौटा। इस पर उसकी पत्नी लखावली पंचायत की महिला वार्ड पंच शांताबाई ने उसके लापता होने की शिकायत सुखेर थाने में दर्ज कराई थी। एक सप्ताह बीतने के बाद भी जब देवीलाल घर नहीं पहुंचा तो शांताबाई विचलित होकर अपने कुछ कांग्रेसी नेताओं के साथ गुरुवार को जिला कलक्टर से मिली और दिए गए ज्ञापन में उसने पुलिस पर ही संदेह जताया था। साथ ही उसने तीन दिन में पति के नहीं मिलने पर थाना परिसर में ही आत्महत्या की धमकी दी थी।
इस पर पुलिस ने सभी थानों में गुमशुदा व्यक्ति की फोटो भेजे तथा सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर चस्पा कराए थे। इस बीच शुक्रवार सुबह पुलिस को मार्बल माइंस में काम कर रहे जितेंद्र डांगी के जरिए माइंस के गड्ढे में किसी व्यक्ति के शव के पड़े होने की सूचना मिली। जितेंद्र ने गुदड़ी में लिपटा शव देखा था, जिसके पैर बाहर निकले हुए थे। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को एमबी अस्पताल के मोर्चरी में पहुंचाया। वहां उसकी पहचान लापता देवीलाल के रूप में हुई। पुलिस की सूचना पर मृतक के परिजनों के अलावा बडग़ांव उप प्रधान मीरा पालीवाल, लखावली सरपंच देवीलाल, के अलावा कांग्रेस के कई जनप्रतिनिधि पहुंच गए। मामले की गंभीरता को भांपते हुए एएसपी शहर लखमनराय चौधरी, डिप्टी अनंत कुमार के अलावा आसपास के थानाधिकारी भी अस्पताल आ गए। पुलिस ने बताया कि शव करीब तीन दिन पुराना है। हो सकता है कि उसे किसी ने मारने के बाद शव यहां लाकर फैंका हो। इधर, परिजनों का कहना है कि देवीलाल की किसी से दुश्मनी नहीं थी। पुलिस अब उन लोगों से पूछताछ में जुटी है, जो देवीलाल के साथ शराब पीते थे। पुलिस को आशंका है कि कहीं इस वारदात में उसी के किसी साथी का हाथ तो नहीं।