उदयपुर में छह पर भाजपा एवं एक निर्दलीय विजयी
उदयपुर। राज्य विधानसभा चुनाव 2013 के परिणाम आ चुके हैं। भाजपा ने एक बार फिर बहुमत हासिल कर लिया है। गहलोत ने शाम को राज्यपाल से मिलने का समय लिया है जब वे इस्तीफा सौंपेंगे। मेवाड़ से भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है।
उदयपुर जिले की उदयपुर शहर विधानसभा सीट से गुलाबचंद कटारिया ने कांग्रेस के दिनेश श्रीमाली को, ग्रामीण विधानसभा सीट से फूलसिंह मीणा ने सज्जन कटारा को, मावली से दलीचंद डांगी ने पुष्कर डांगी को, धरियावद से गौतमलाल मीणा ने नगराज मीणा को, वल्लभनगर से रणधीरसिंह भींडर ने गजेन्द्र सिंह शक्तावत को, गोगुंदा से प्रतापलाल ने मांगीलाल गरासिया को, सलूम्बेर से अमृतलाल ने बसंतीदेवी को तथा झाड़ोल में कांग्रेस के हीरालाल दरांगी ने भाजपा के बाबूलाल खराड़ी को परास्त किया। जिले की 8 सीटों में से 6 भाजपा, 1 कांग्रेस तथा 1 निर्दलीय को गई।
क्षेत्र में कटारिया जहां करीब 23 हजार वोटों से जीते वहीं सलूम्बर से सर्वाधिक 36 हजार मतों से अमृत मीणा विजयी रहे। उदयपुर ग्रामीण में कांग्रेस के बागी देवेन्द्र मीणा ने कांग्रेस प्रत्याशी सज्जन कटारा के सारे समीकरण बिगाड़े और भाजपा प्रत्याशी फूलसिंह विजयी रहे। वे करीब 11 हजार मतों से विजयी हुए। हालांकि कटारा के चुनाव संयोजन में सहयोगी शैलेश मिश्रा का मानना था कि हम सब मैनेज कर लेंगे लेकिन वे मैनेज नहीं कर पाए। उनके साथ कटारा के पुत्र विवेक कटारा को भी नीचा मुंह करना पड़ा।
वल्लभनगर में भी कुछ ऐसा ही हाल था कि गजेन्द्रसिंह शक्तावत को पहले अपने पिता के नाम पर सहानुभूति के वोट मिल गए लेकिन इस बार वे न तो जनता के बीच रहे और न ही जनता में अपना नाम जमा पाए। सलूम्बर में सांसद पत्नी बसंतीदेवी मीणा की 33 हजार मतों से पराजय निश्चय ही सांसद को सोचने पर मजबूर कर देगी। छह माह बाद ही लोकसभा चुनाव हैं।