उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व्विद्यालय के संगठक प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वर्ष 2014 स्वर्ण जयंती वर्ष के रुप में मनाया जाएगा।
वर्तमान में इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों की संख्या 1600 से अधिक है और यह विश्व विद्यालय की कुल छात्र संख्या के अनुसार सबसे बड़ा महाविद्यालय है। महाविद्यालय द्वारा वर्तमान में आठ अभियंात्रिकी विषयों में स्नातक, स्नाकोतर एवं विद्या वाचस्पति का पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1964 में कृषि अभियांत्रिकी के स्नातक पाठ्यक्रम में 27 विद्यार्थियों के प्रवेष से हुई। यह महाविद्यालय आज प्रदेष ही नहीं अपितु राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।
स्वर्ण जयन्ती वर्ष 2014 के दौरान नवीनतम तकनीकी उन्नयन एवं आधुनिक अभियांत्रिकी विषयों से सम्बन्धित कुल 12 राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कार्यषाला तथा संगोष्ठियों का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा छात्रों एवं संकाय सदस्यों के लाभार्थ नवीनतम तकनीकी विषयों पर ख्यातनाम वैज्ञानिकों, यशस्वी उद्यमियों एवं अनुकरणीय समाजसेवी व्यक्तियों की स्वर्ण जयन्ती व्याख्यानमालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है।
इन सभी गतिविद्यियों का संचालन महाविद्यालय के प्रथम अधिष्ठाता, कृषि अभियान्त्रिकी के पुरोधा एवं षहर के ख्यातनाम व्यक्तित्व डॉ. के. एन. नाग के अनुभवी मार्गदर्षन में आयोजित किया जा रहा है। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. बी. पी. नंदवाना ने बताया कि वर्ष भर प्रस्तावित गतिविधियों के सफल कार्यन्वयन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। वर्षारम्भ में एक कार्यक्रम के दौरान स्वर्ण जयंती स्मृति चिन्ह का विमोचन अधिष्ठाता एवं सभी विभागाध्यक्षों द्वारा किया गया था जिसका प्रयोग वर्षपर्यन्त चलने वाले कार्यक्रमों में किया जायेगा।