पुत्री को छोडऩे गए कांस्टेबल पिता के साथ की मारपीट, आरएसएस के अजमेर कैंप में भाग ले जा रही थी पुत्री, दोनों पक्षों की ओर से प्रकरण दर्ज, आरएसएस और भाजपा का जोरदार प्रदर्शन
उदयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अजमेर में हो रहे प्रशिक्षण शिविर के लिए अपनी पुत्री को इंटरसिटी में छोडऩे गए एक पुलिस कांस्टेबल और रेलवे अधिकारी भिड़ गए। जिसमें दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई और कांस्टेबल की पत्नी को चोंटे आई। घटना के बाद जीआरपी थाने के बाहर आरएसएस और भाजपा पदाधिकारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आक्रोश इतना था कि क्षेत्रीय रेलवे अधिकारी को वहां से भागना पड़ा। दोनों पक्षों की ओर से प्रकरण दर्ज करवाया है।
सूत्रों के अनुसार अजमेर में 15 दिन का आरएसएस का संघ प्रशिक्षण शिविर (ओटीसी) आयोजित हो रहा है। सूरजपोल थाने में कार्यरत कांस्टेबल राजेश मेहता इस शिविर में भाग लेने के लिए अपनी पत्नी मीना के साथ पुत्री अदिती, सहेली प्रज्ञा पाटीदार और एक अन्य सहेली को छोडऩे के लिए गए थे। सुबह 6 इंटरसिटी में बैठाने के बाद राजेश मेहता और इसकी पत्नी मीना स्टेशन के बाहर आ रहे थे। इसी दौरान वहां पर रेलवे की स्पेशल चैकिंग के चलते क्षेत्रिय रेल्वे अधिकारी हरफूलसिंह चौधरी ने इन दोनों को रोक लिया और प्लेटफार्म टिकट मांगा। मेहता रेल्वे के क्षेत्रिय अधिकारी हरफूलसिंह चौधरी को जानता नहीं था इसी कारण पहले तो उसने चौधरी का परिचय पूछ और बाद में प्लेटफार्म टिकट होने से इंकार कर दिया। इस बात पर क्षेत्रिय अधिकारी चौधरी आक्रोशित हो गए और चालान काटने और जुर्माना लगाने के लिए क्षेत्रिय अधिकारी चौधरी हाथ पकडक़र अंदर ले गए। हाथ पकडऩे का विरोध करने पर विवाद बढ़ गया। टी.टी. के कमरे में ले जाकर विवाद के दौरान राजेश मेहता ने अपना आईकार्ड निकाला और स्वयं को पुलिस में होना बताया। इस पर चौधरी ने आईकार्ड छीन लिया और एसपी से शिकायत करने की बात कही।
इसी बात को लेकर विवाद ओर बढ़ गया और चौधरी और मेहता के बीच हाथापाई शुरू हो गई। पुलिस कांस्टेबल राजेश मेहता के अनुसार रेल्वे के क्षेत्रिय प्रबंधक हरफूलसिंह चौधरी ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। बीच-बचाव में आई उसकी पत्नी मीना के साथ भी मारपीट की। जिससे उसकी सोने की चेन गिर गई और हाथ में व अन्य स्थानों पर चोंटे आई। मौके पर मौजूद रेल्वे के कुछ अधिकारियों ने भी दोनों के साथ मारपीट की। जैसे-तैसे दोनों वहां से निकले और चिकित्सालय में गए जहां पर मेडिकल करवाने के बाद राजेश मेहता राणा प्रतापनगर स्टेशन स्थित जीआरपी थाने में पहुंचे। जहां पर पहले से ही हरफूलसिंह चौधरी मौजूद थे। चौधरी ने भी मेहता के खिलाफ रिपोर्ट दे रखी थी और मेहता ने अपनी ओर से रिपोर्ट दी। मेहता की ओर से दी गई रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज नहीं किया जा रहा था। इसी दौरान सूचना मिलने पर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, महापौर रजनी डांगी, अल्का मूंदड़ा सहित कई पदाधिकारी और आरएसएस के पदाधिकारी मौके पर पहुंच गए। दर्जनों की संख्या में पहुंचे लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता हुआ देखकर मौके सूरजपोल, हिरणमगरी और प्रतापनगर थाने से और पुलिस कंट्रोल रूम से भी जाब्ता मंगवाया। मौके पर डिप्टी गोवर्धनलाल भी पहुंच गए। पुलिस अधिकारियों ने जीआरपी थानाधिकारी को राजेश मेहता की ओर से दी गई रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज करने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद प्रकरण दर्ज किया गया। इस दौरान भाजपाईयों और संघ के कार्यकर्ताओं की ओर से जोरदार प्रदर्शन किया गया। मामला दर्ज होने के बाद ये माने और सभी को रवाना किया।
भागना पड़ा हरफूलसिंह चौधरी को
इधर जीआरपी थाने के बाहर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे। इस दौरान हरफूलसिंह चौधरी थाने में ही थी। थाने से बाहर निकलते ही इन लोगों ने घेरना शुरू कर दिया। माहौल को बिगड़ते हुए देखकर हरफूलसिंह वहां से निकल लिए और राणा प्रतापनगर रेल्वे स्टेशन में चले गए।
Ego problem and fight not for RIGHT but for showing POWER. WHAT A POOR MAN WILL DO IF GET INTO SUCH CONFRONTATION? EXCEPT GET HUMILIATED AND COME HOME. NO BODY THINKINH TALKING ABOUT LONG QUE MONOPOLY OF RAILWAY AND GAME OF POWER BEING PLAYED