आनन्द पूर्ण जीवन कैसे जीएं पर रविवार को प्रवचन
उदयपुर। श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि कुमुद ने कहा कि सामान्य पुरुष को महापुरुष बनाने में गुरुओं का बड़ा योगदान होता हैं। गुरुओं का दायित्व है कि अनुयायियों के दिशा भ्रष्ट होने पर उन्हें सत्य का दिग्दर्शन कराएं।
वे पंचायती नोहरे में वृहद् सदधर्म सभागार में चातुर्मासिक प्रवचन के तहत गुरु पूर्णिमा पर धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंभने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर संपूर्ण भारत गुरुओं के चरणों में नतमस्तक हैं लेकिन प्रश्नन यह है कि क्या हम अपना गुरुधर्म निभा रहे हैं। हम हजारों नहीं लाखों हैं और पूर्ण पंक्ति में फैले हमारे करोड़ों अनुयायी हैं। इतना सब कुछ होते हुए भी उत्तम जनता चरित्र का स्तर गिरता जा रहा हैं। हमारे अनुयायियों की नैतिकता नष्ट होती जा रही हैं। रिश्वत, दुराचार, मांसाहार, मद्यपान, तम्बाकू सेवन और अनेक प्रकार के दुर्व्यासन जनता में फैले हैं। पारस्परिकता खत्म हो रही हैं। हिंसा बढ़ रही हैं। यह सब अति दुखद है। उपभोक्तावाद की अंधी दौड़ में जनता अपने सारे नैतिक मूल्य खोती जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोई कहे या न कहे यह स्वीकार करना होगा कहीं न कहीं गुरुजन को भी देश के चरित्र पतन की धारा छूती ही है। अनुयायियों पर न तो हमारी पकड़ कम हुई या हम ही स्वार्थवश अनुयायियों के अधर्म को रोकने में असफल हो रहे हैं। प्रवचन सभा को विकसित मुनि ने भी संबोधित किया। युवा मनीषी कोमल मुनि ने कविता पाठ किया तथा श्रमण मुनि ने गुरु पूजा में पद्य सुनाए। इस दौरान राष्ट्रीय मंत्री बलवंत हिंगड़ भी उपस्थित थे। संचालन श्रावक संघ महामंत्री हिम्मत बडा़ला ने किया। महेन्द्र तलेसरा ने बताया कि रविवार सुबह मुनिश्री आनन्दपूर्ण जीवन कैसें जीएं विषयक विशेष प्रवचन देंगे।