खान पान मौज मस्ती के साथ कलाओं का रसास्वादन
झलकी राजस्थान की संस्कृति, भपंग वादन
udaipur. पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव—2011 में रविवार को मानो शहर उमड़ पड़ा हो जहां निगाह जाती लोगों का हूजूम नजर आता। शिल्प की दूकानों पर लोग भीड़ भाड़ में खरीददारी करते व मोल भाव करते नजर आये।
उत्सव के पांचवे दिन ऐसा लगा मानों लोगों ने रविवारीय अवकाश को शिल्पग्राम के नाम समर्पित किया। मेला प्रारम्भ होने पर बड़ी संख्या में लोग शिल्पग्राम पहुचना प्रारम्भ हुए। दोपहर तक समूचा हाट बाजार लोगों की रेले के चलते गोधुलि वेला का आभास करता नजर बाया। हाट बाजार के वस्त्र संसार में लोगों ने जम कर खरीददारी की वहीं दर्पण बाजार, विविधा, काष्ठ शिल्प, धातु धाम, मृण कुंज, अलंकरण में विभिन्न दूकानों पर लोगोंं की खासी भीड़ लगी रही। अलंकार में ज्यादातर दूकानों पर महिलाओं की भीड़ रही। किसी ने नेकलैस खरीदा तो किसी ने इयरिंग, कोई बैंगल्स का कलाईयों डालकर माप लेती नजर आई तो कुछ ने ब्रेसलैट को अपनाया। अलंकार में मोती के बने आभूषणों के अलावा काँच की चूडिय़ाँ, लाख की चूडिय़ाँ, धातु के बने आभूषण लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
शिल्पग्राम आने वाले लोगों में कमोबेश यही भावना थी कि यहां से अपने घर के लिये कुछ ले कर जाएं इसके लिये बेड कवर, बेडशीट, मसनद कवर, कुशन कवर, दीवान सैट, सोफे की मैटिंग, सोफा कवर, नक्कशीदार लकड़ी के फर्नीचर, खुर्जा की पॉटरी के रंबिरंगे मग, कप तश्तरी, डेकोरेटिव पॉट्स, मिट्टी की मूर्तियाँ, जादुई दीपक उल्लेखनीय है। वस्त्र संसार में बनारसी साड़ी, लखनऊ का चिकन काम के कुर्ते पायजामे, कॉटन शर्ट आदि को लोगों द्वारा पसंद किया गया व लोगों ने खरीददारी की।
रविवारीय अवकाश के चलते ही लोगों ने हाट बाजार में पारंपरिक खान—पान में मक्का की रोटी, सरसों की साग, बाजरे की रोटी, मिर्ची लहसुन की चटनी, धनिये की चटनी, दाल बाटी, ढोकले, गर्मागरम पकोडों का स्वाद चखा। वहीं मेले में मक्की की फुल्लियाँ, चना जोर गरम, भेल, गन्ने का रस, लखनऊ के शिवशंकर का बनाया मक्खन, केसर का दूध का भी लोगों ने रसास्वादन किया।
मेले में ही लोगों व युवक युवतियों ने झूले डोलर की सैर का आनन्द उठाया। हाट बाजार में भ्रमण के दौरान लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से आगंतुकों का मनोरंजन किया जिसमें बहुरूपियों के प्रदर्शन पर लोगों ने उनसे चर्चा की व उनके बारे में जानकारी प्राप्त की। शिल्पग्राम की सम झोपड़ी में आयोजित ‘‘बाल संसार’’ में मई बच्चों ने मिट्टी काम, पेपर कोलाज, मुखौटा कला आदि का प्रशिक्षण लिया व नमूने तैयार किये।
रंगमंच पर झलका राजस्थान
रविवार को राजस्थान दिवस के आयोजन हुए जिसमें जनजाति कलाओं ने अपनी धूम मचा दी वहीं कुचामणी ख्याल ने लोगों का मनोरंजन कर धरती धोरा री पेश राजस्थान की थाति का गुणगान गाया। उत्सव के पांचवे दिन रंगमंच की प्रस्तुतियों को निहारने के लिये बडी संख्या में लोग कलांगन की दर्शक दीर्घा में मौजूद थे। रंगमंचीय कार्यक्रमों की शुरूआत गुजरात के राठवा नृत्य से हुई इसके बाद उड़ीसा के बाल गोटीपुवाओं ने अपने नर्तन से समां सा बांध दिया। इसके बाद राजस्थान दिवस के आयोजन का सिलसिला प्रारम्भ किया कुचामणी ख्याल कलाकारों ने। ख्याल राजस्थान की समृद्ध लोक नाट्य परंपरा है जिसमें महिलाओं के किरदार पुरूषों द्वारा स्त्री वेश धारण कर किये जाने की परंपरा है। खयाल कलाकारों ने अपने आजपूर्ण स्वरों में नगाड़े की टंकार पर गीत ‘‘धरती धोरा री…’’ से राजस्थान का गुणगान बखान किया। इसके बाद तेजाजी में लोक कलाकार ने अपने कथा गायन से लोक देवता तेजाजी की आराधना की। गाजी खां मांगणियार ने इस अवसर पर दो लोक गीत पेश किये।
राजस्थान दिवस पर राजस्थान की जनजाति सहरिया का स्वांग दर्शकों के लिये रोचक प्रस्तुति बन सकी वही एक अन्य स्वांग रावण जटायु युद्ध में विशालकाय जटायु के साथ रावण का युद्ध दर्शकों को खूब रास आया। विशाल जटायु दर्शकों विशेषकर बच्चों के लिये आकर्षण का केन्द्र रहा। इसके बाद बांरा जिले की कंजर नृत्यांगनाओं ने चकरी नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया। इस प्रस्तुति में ढोलक वादक के साथ नर्तकियों की छेड़छाड़ व ठिठौली मनोरंजक बन सकी इस अवसर पर प्रसिद्ध भपंग वादक जुम्मेखां ने भपंग वादन से दर्शकों का मनोरंजन किया। कार्यक्रम में जैसे ही दर्शकों का प्रिय कालबेलिया नृत्य प्रारम्भ हुआ तो गीत ‘‘अर रररर र…’’ के साथ दर्शक झूम उठे। नृत्य के दौरान आंख की पुतलियों से अंगूठा उठाना जैसी कलाबाजियां दर्शकों को खूब भाई। कार्यक्रम में गोवा से आये कलाकारों का फुगड़ी नृत्य लुभावनी प्रस्तुति बन सकी वहीं केरल के ओपन्ना व मिजोरम का सारलामकाई पर दर्शकों ने करतल ध्वनि से कलाकारों का अभिवादन किया। कार्यक्रम के आखिर में हरियाणा का घूमर नृत्य दर्शकों में जोश व उन्माद का संचार कर गया।
फोटोग्राफी कार्यशाला व लोक तरंग सोमवार को
हवाला गांव स्थित शिल्पग्राम में चल रहे शिल्पग्राम उत्सव में सोमवार को फोटो जर्नलिस्ट फ्रेण्ड्स क्लब उदयपुर की ओर से लोगों के लिये नि:शुल्क फोटोग्राफी कार्यशाला व प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। यह कार्यशाला दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक सम झोंपड़ी सामने 16 नम्बर स्टॉल पर होगी। इसके बाद ‘‘शिल्पग्राम’’ विषयक छायांकन कर सकेंगे। उक्त खींचे गये फोटो की 5 गुण 7 इंच आकार की प्रिन्ट मंगलवार वार शाम तक जमा करवाई जा सकेगी। प्रतियोगिता के परिणाम बुधवार को घोषित किये जायेंगे तथा चयनित श्रेष्ठ कृति को पुरस्कृत किया जायेगा।सोमवार को ‘‘लोकतरंग’’ का आयोजन होगा। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों की लोक प्रस्तुतियाँ देखने का अवसर मिल सकेगा।
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