कलेक्ट्रेट पर दिया ज्ञापन
उदयपुर। आरएसएमएम, रोडवेज सहित अन्य विभागों का निजीकरण अथवा पीपीपी मोड पर संचालन के विरोध में इंटक नेताओं ने सोमवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया।
इंटक के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष जगदीशराज श्रीमाली ने बताया कि आरएसएमएम सरकार के लिए लाभ का उद्योग रहा है जिसका विनिवेश करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कंपनी का लाभ सरकार, कर्मचारियों और आम जनता के लिए है। निजीकरण के बाद कम समय में अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने की स्थिति में खनिजों का अत्यधिक दोहन होगा और लाभ भी निजी हाथों में जाएगा। इसी प्रकार रोडवेज में निगम को समाप्त कर प्राधिकरण (कॉर्पोरेशन) बनाने से रोडवेज घाटा बढ़ेगा। अवैध वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई के बजाय अवैध वाहन संचालकों को भी एक ही स्टैंड से बसों का संचालन होगा जिससे रोडवेज के बंद होने की नौबत तक आ जाएगी।
विद्युत विभाग को पूर्व में निगम बनाया गया। उसमें लाभ के बजाय नुकसान अधिक हुआ। अब महानगरों की तर्ज पर पीपीपी के माध्यम से निजीकरण कर जनता को लूटने के लिए का कुत्सित प्रयास है जो हजारों कर्मचारियों के साथ अन्याय होगा। जलदाय विभाग जनता से सीधे रूप से जुड़ा जनता की सेवा कर रहा है। इसे पीपीपी के बहाने निजी हाथों में देकर जनता से भारी राशि वसूलने का उपक्रम किया जा रहा है।
श्रीमाली के नेतृत्व में दिए ज्ञापन में औद्योगिक व श्रम नियमों में एकतरफा परिवर्तन, न्यूनतम वेतन मजदूरी की नई दरों की अब तक घोषणा नहीं करने, भवन एवं संनिर्माण कामगार कल्याण मंडल की बैठक करने आदि का भी उल्लेख किया गया है। इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष रोशन शर्मा, आरएन मौर्य, एसएम अय्यर, प्रकाश श्रीमाल, केएल मालवीय, सज्जनसिंह बम्ब, महेश उपाध्याय, अशोक छाजेड़ सहित सैकड़ों कर्मचारी मौजूद थे।