उदयपुर। नवमी एवं दशमी तिथि का मेल होने से शुक्रवार सुबह स्थानकों, देवरों से पाती ओरा दी गई। जवारों का विसर्जन कर नवरात्रा की विदाई हो गई और 9 बजे बाद दशमी लग जाने के साथ दशहरे की तैयारियां शुरू हो गई।
देवरों-स्थारनकों से भोपाजी विसर्जन के लिए ज्वा रे एवं पाती लेकर सरोवर पर पहुंचे। कई स्थानों पर गरबा महोत्सव का कल ही समापन हो गया वहीं कई स्थानों पर शुक्रवार को भी डांडिया-गरबा आयोजन होंगे। देवी शक्तिपीठों पर देर रात तक दर्शन के लिए कतारें लगी रही। हर जगह अष्टमी पर दैवी प्रतिमाओं का विशेष श्रृंगार किया गया। विशेष आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। नवमी तिथि सुबह 9 बजे तक रही। इससे पूर्व कई स्थानकों, देवरों व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जवारे तालाबों में विसर्जित किए गए। शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित माताजी की प्रतिमाएं प्रतीकात्मंक विसर्जित की गई।
श्री बजरंग बली प्रचार समिति व्यवस्थापक पं. पवन कुमार सुखवाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह पण्डितों द्वारा नौ बजे षोडशोपचार विधि से श्री राम दरबार, श्री बालाजी पूजन, गणपति पूजन, कलश पूजन के साथ ही यज्ञ वेदी का पूजन किया गया। 21 जोड़ों द्वारा सामुहिक पूजन कर सुन्दरकाण्ड किया गया। दोपहर 12 बजे यज्ञ की पूर्णाहुति हुई।