त्योहार आते ही मिलावट शुरू, विभाग नहीं कर रहा है कार्रवाई, खुले में बिक रही है मिठाइयां
उदयपुर। शहर में सार्वजनिक स्थानों पर खाद्य सामग्री खुले में बिक रही है। त्योहार का समय होने के कारण मिठाइयों में मिलावट हो रही है, जिससे जनता के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन सीएमएचओ और रसद विभाग द्वारा अभी तक मिठाइयों की दुकानों पर जांच शुरू नहीं की है। इससे दुकानदार बेखौफ होकर मिलावटी मिठाइयां व अन्य खाद्य सामग्री बेच रहे हैं।
एक मावा विक्रे ता के अनुसार शहर में प्रतिदिन एक क्विंटल मावे की खपत होती है। यह खपत त्योहार के समय में बढ़ जाती है, जो कि चार से पांच गुना तक पहुंचती है। दीपावली पर मावे की खपत लगभग 20 से 22 क्विंटल तक हो जाती है। त्योहारों के मावे की खपत ही नहीं, बल्की उनके भाव भी बढ़ जाते है। अभी मावे का भाव 200 से 230 रुपए प्रति किलो है, जो दीपावली से कुछ समय पूर्व लगभग 275 से 300 रुपए प्रति किलो तक हो जाएगा। खपत बढऩे के साथ ही विक्रेताओं द्वारा मिलावट शुरू कर दी जाती है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
धड़ल्ले से हो रही है मिलावट: त्योहार के समय में मावे की मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है। इस कारण दुकानदारों अधिक लाभ कमाने के चक्कर में मिठाइयों में मिलावट शुरू कर देते हैं। इससे व्यापारियों के लाभ का प्रतिशत लगभग 15 से 20 प्रतिशत बढ़ जाता है। व्यापारियों द्वारा की जाने वाली मिलावट से ग्राहक को आर्थिक नुकसान के साथ स्वास्थ्य पर भी विपरित प्रभाव पड़ता है।
बिक रही है बिना ढकी सामग्री : कई क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टैंड, रेल्वे स्टेशन, नाश्तें की दुकानें, एमबी हॉस्पीटल के आसपास के क्षेत्रों में कई स्थानों पर खाद्य सामग्री में मिलावटी सामग्री बेची जा रही है। यहां कई दुकानों पर खाद्य सामग्री को ढंका तक नहीं जाता है, जिसके कारण खाद्य सामग्री दूषित हो जाती है।
पुराने मावे से नुकसान : दुकानदार द्वार कभी-कभी अधिक मात्रा में मावा मंगावा लिया जाता है, लेकिन खपत नहीं होने पर मावा खराब होने लगता है। मावे में खटास आ जाती है। इस पर व्यापारी उसमें रंग व ड्रायफू्रट मिला कर मिठाइयां बनाकर त्योहार पर ग्राहकों को बेच देता है। ग्राहकों को खराब मावे का पता भी नहीं चलता है, जबकि उनके स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
इनका कहना है
खाद्य सामग्री में होने वाली मिलावट के लिए पूरे साल चेकिंग की जाती है। इस साल में लगभग 20 दुकानों के चालान भी बने हैं, लेकिन दीपावली के त्योहार पर अभी तक कोई आदेश नहीं मिले हैं। दो या तीन दिन में आदेश आने के उम्मीद है, जिसके बाद कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
अनिल भारद्वाज, फूड एण्ड सेफ्टी ऑफिसर