कॉंकलियर इम्प्लांट पर अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप का उदघाटन
उदयपुर। नजदीकी रिश्तों में शादी होने से पैदा होने वाले बच्चों में बहरेपन की समस्या ज्यादा होती है यह कहना है विश्व के जाने माने कॉकलियर इम्प्लांट सर्जन पदमश्री डॉं जेएम हंस का। वे उदयपुर के भीलों का बेदला प्रतापपुरा स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में दो दिवसीय कॉंकलियर इम्प्लांट पर अन्तराष्ट्रीपय कॉन्फ्रेन्स के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
कॉन्फ्रेन्स का उदघाटन पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल, पदमश्री डॉं जेएम हंस, डॉं. राजेश विश्वकर्मा, संस्थान के प्रेसिडेन्ट डॉं डीपी अग्रवाल, प्रिसिपल एवं नियत्रंक डॉं. एसएस सुराणा ने मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्जवलन कर किया। अब तक देश-विदेश में 1200 से ज्यादा कॉंकलियर इम्प्लांट कर चुके डॉं. हंस ने बताया कि 6 से 12 लाख रूपए तक खर्च होने वाली इस सर्जरी में 1.4 मिलीमीटर का टनल बनाया जाता है जिसके द्वारा इलेक्ट्रोड को सीधा कॉकलियर में डाल कर फिट कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में समय बहुत कम लगता है। उन्होने कहा कि बच्चों में जेन्टामाईसिन इन्जेक्शन लगाने से बहरेपन की संभावनाए बढ़ जाती है तो वहीं रूबेला , मीजल्स मम्स और गर्दन तोड बुखार बहरेपन के सबसे बडे कारण है।
पीएमसीएच के ईएनटी विभाग के हैड एवं कॉफ्रेस के चैयरमैन डॉं पी.सी.अजमेरा ने बताया कि इस अंतरराष्ट्री य सेमिनार में देश दुनिया से लगभग 60 से ज्यादा ईएनटी सर्जनों ने भाग लिया। इस सेमिनार के दौरान 15 से ज्यादा ईएनटी सर्जनों को कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी की ट्रेनिंग दी गई। डॉं. अजमेरा ने बताया कि 9 नवम्बमर को 6 बच्चों कि कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी की जाएगी। पीएमसीएच सामाजिक सरोकारों के तहत प्रथम चरण में तीन बच्चों को निशुल्क सर्जरी की सुविधा मुहैया कराऐगा एवं इसके बाद अन्य इम्प्लांट सर्जरी पर आपरेशन का आधा खर्चा हॉस्पीटल द्वारा वहन किया जाएगा।