गृहमंत्री ने किया उदयपुर के वनक्षेत्रों का दौरा
उदयपुर। गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया उदयपुर प्रवास दौरान वन मण्डल उदयपुर के विभिन्न वनक्षेत्रों का दौरा कर यहां की समृद्ध नैसर्गिक संपदा को देखकर अभिभूत हुए।
गृहमंत्री ने इस दौरान अम्बेरी वन क्षेत्र में निर्माणाधीन संभाग के पहले जैव विविधता पार्क का निरीक्षण किया। कटारिया दुर्गम वन क्षेत्र में बने ट्रेक का भ्रमण करते हुए, पार्क में ऊंची पहाड़ी पर बने व्यू-पॉइन्ट पर पहुंचे। उन्होंने यहां से आसपास की पहाडि़यों की सघन वनसंपदा, निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 8, ऐतिहासिक पुरोहितजी का तालाब एवं उदयपुर शहर का खूबसूरत नजारा देखकर प्रसन्नता जताई और कहा कि उदयपुर शहर के समीप इतना सघन वन एवं जैव विविधता की स्थिति बेहद सुखद है।
अधिकारियों ने बताया कि अम्बेरी वन क्षेत्र जैव विविधता की दृष्टि से काफी समृद्ध है। यहां वृक्ष, झाड़ी, शाक, लताएं एवं घास की 80 से अधिक प्रजातियां प्राकृतिक रूप से पायी जाती है जिसमें चंदन,गुगल एवं कडाया जैसी बहुमुल्य प्रजातियां बहुतायत में हैं। इसके अतिरिक्त यहां तेंदुआ, जरख, गीदड़, नीलगाय, तरह-तरह के पक्षी छिपकलियां, सांप, मेढ़क, तितलियां, शलभ, मकडि़यां आदि की विविधता भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि वन क्षेत्र की इस वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए क्षेत्र को जैव विविधता पार्क के रूप में विकसित करने के प्रयास प्रारम्भ कर दिये गये हैं। कटारिया ने वन विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पार्क विद्यार्थियों, पर्यावरण प्रेमियों, शोधकर्ताओं, विभागीय कर्मियों इत्यादि को जैव विविधता की जानकारी, शिक्षा उपलब्ध कराने का एक मुख्य व उपयुक्त स्थल होगा।
कटारिया ने सज्जनगढ़ बायलोजिकल पार्क एवं अभयारण्य तथा बडी तालाब के समीप विकसित की जा रही इको टूरिज्म केम्प साईट का भ्रमण भी किया। उन्होंने सज्जनगढ़ अभयारण्य में सैलानियों को उपलब्ध कराई जा रही घुड़सवारी की सुविधा के संबंध में जानकारी ली तथा महाराणा प्रताप नेचर ट्रेल का भ्रमण करते हुए बडी तालाब पर पहुंचे। बड़ी तालाब के दक्षिणी छोर से लगते हुए कलेर वन क्षेत्र में इको टूरिज्म की दृष्टि से वन मण्डल उदयपुर उत्तर द्वारा केम्पिंग साईट विकसित की जा रही है। कटारिया ने उक्त केम्पिंग साइट का अवलोकन किया तथा सैलानियों को नैसर्गिक सौन्दर्य के बीच प्रदूषण रहित बड़ी तालाब के किनारे स्थित इस साइट पर उपलब्ध कराई जा सकने वाली सुविधाओं के बारे में विभागीय अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। वन संरक्षक इन्द्रपालसिंह मथारू ने बताया कि प्रकृति प्रेमियों एवं सैलानियों के लिए यहां टेन्ट लगाकर केम्प करने के लिए 10 प्लेटफॉर्म्स का निर्माण कराया गया है तथा एक व्यू पॉईन्ट भी विकसित किया गया है, जहां प्राकृतिक वातावरण में सैलानी ठहर कर सज्जनगढ़ अभयारण्य, बायोलोजिकल पार्क, बड़ी तालाब के आसपास की नेचर ट्रेल्स, एवं घुडसवारी का आनन्द ले सकते हैं। कटारिया ने कहा कि उदयपुर के आसपास के वन क्षेत्रों में देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिये इस प्रकार के स्थल अतिरिक्त आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। कटारिया ने इस केम्पिंग साईट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
भ्रमण के दौरान कटारिया के साथ उदयपुर नगर निगम के महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) राहुल भटनागर, उदयपुर संभाग के वन संरक्षक इन्द्रपालसिंह मथारू, उप वन संरक्षक, उदयपुर उत्तर ओम प्रकाश शर्मा, उप वन संरक्षक, उदयपुर हरिणी वी., सहायक वन संरक्षक लायक अली खान व क्षेत्रीय वन अधिकारी डीके तिवारी मौजूद थे।