उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विवि के जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय के अन्तर्गत संचालित साकरोदा जन भारती केन्द्र पर शुक्रवार को तीन दिवसीय मां बेटी सम्मेलन का आगाज मुख्य अतिथि देहली विश्वविद्यालय के प्रो. शर्मा ने उद्घाटन किया।
समारोह में मां एवं बेटियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण भारत की महिलाएं जब तक शिक्षित नहीं होगी तब तक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। अतः महिलाओं के सर्वांगिण विकास हेतु उन्हें शिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार तो हुआ है लेकिन अभी भी अधिकतर महिलाऐं अपने अधिकारों के प्रति सम्पूर्ण रूप से जागरूक होने की जरूरत है। शिक्षित होने के साथ-साथ कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार परक कार्यक्रम भी उपलब्ध कराए जाएं। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने महिलाओं को आव्हान किया कि वे लड़के लड़कियों में भेदभाव खत्म करने के लिए समाज को भी जागरूक होने की जरूरत है। मॉं इस दुनिया में बनी रहे इसलिए बेटीयों को सम्मान मिले उन्होंने ग्रामीण महिलाओं एवं बेटीयों को घर-घर शिक्षा देने हेतु, कन्या भू्रण हत्या रोकने, दहेज न लेने सामाजिक कुरीतियों का विरोध, बाल विवाह रोकने, डायन प्रथा का विरोध करने, पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन डॉ. मंजू माण्डोत ने दिया। विशिष्ठ अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता संदीप डोगरा निदेशक डॉ. मंजू माण्डोत प्रभारी हीरालाल चौबीसा थे। संचालन राकेश दाधिच ने किया। धन्यवाद देवीलाल गर्ग ने दिया।