तेरापंथी सभा की पारिवारिक निर्देशिका व वेबसाइट तेरापंथ उदयपुर डॉट कॉम लांच
उदयपुर। आज के युग में शिक्षा व समृद्धि के साथ व्यक्तिवादी न बन जाएं, यह ध्यान रखना जरूरी हैं। आज के युग में यह समस्या निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में इस तरह की सामुदायिक चेतना जरूरी है। पारिवारिक निर्देशिका और समाज की वेबसाइट्स व्यक्तिवादी की समस्या को कम करने में सहायक सिद्ध होगी।
ये विचार शासनश्री मुनि राकेश कुमार ने रविवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में व्यक्त किए। वे श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की पारिवारिक निर्देशिका के विमोचन एवं वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. तेरापंथ उदयपुर. कॉम के लांचिंग समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के युग में सामुदायिक चेतना का अभाव है। कभी हीनता का अनुभव मत करो। हाथ की चारों अंगुलियों में झगड़ा हुआ कि चारों में महत्वपूर्ण कौन है। तब अंगूठे ने चारों को अपनी अपनी महत्ता समझाई कि सभी आवश्यक हैं। सबका अपना अपना महत्व है। अपनी साधना का बल अपने पास है। न तो खुद को छोटा समझो और न सामने वाले को छोटा बताओ।
मुख्य अतिथि के रूप में महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि समाज को साथ लेकर चलना और फिर नए युग की नई चुनौतियों से लडऩे में सक्षम बनाना यह समाज के लिए बहुत ही पुनीत कार्य है। सोशल मीडिया के इस युग में समाज को भी साथ लेकर आगे बढऩा न सिर्फ मुश्किल बल्कि अवश्यंभावी भी है।
विशिष्ट अतिथि उत्तर पश्चिम रेलवे के डीआरएम नरेश कुमार सालेचा ने कहा कि धर्म यदि मजबूत है तो प्रशासन व समाज निश्चित ही मजबूत होगा। उन्होंने उदयपुर निगम सहित विधायक कटारिया का भी आभार व्यक्त किया कि उदयपुर रेलवे स्टेशन की प्रगति में आने वाली बाधाओं को दूर करने में दोनों महती भूमिका निभा रहे हैं। उदयपुर अहमदाबाद के लिए जहां 180 करोड़ का बजट मिला है वहीं सैकण्ड गेट की एंट्री का काम भी शुरू हो चुका है। पूजा, सियालदह, मैसूर, चैन्नई आदि ट्रेनों का विस्तार भी पाइप लाइन में है। उदयपुर रेलवे स्टेशन पर एस्केलेटर्स और लिफ्ट भी लगाई जाएगी।
अध्यक्षता करते हुए मुख्य आयकर आयुक्त बीपी जैन ने कहा कि पूरे समाज को माला में पिरोने रूपी काम यह पारिवारिक निर्देशिका का है। समाज के मोतियों को निर्देशिका रूपी माला में पिरोने का काम जो समाज ने किया है, वो सराहनीय है।
इससे पूर्व समाज की पारिवारिक निर्देशिका का विमोचन उद्योगपति मांगीलाल लूणावत, मुख्य संपादक कन्हैयालाल कोठारी, प्रबंध संपादक विकास हिरण, लाडनूं नगर पालिका के चेयरमैन बच्छराज नाहटा सहित सभी अतिथियों ने किया। समाज की बनाई गई वेबसाइट तेरापंथ उदयपुर डॉट कॉम का लोकार्पण आईटी प्रभारी रवि जैन ने महापौर चन्द्रसिंह कोठारी के हाथों बटन दबवाकर करवाया।
सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि समाज निरंतर अपनी कार्यक्षमता में वृद्धि की ओर अग्रसर है। तुलसी आर्ट गैलरी के लिए भवन के उपर आर्किटेक्ट द्वारा जगह छोटी बताए जाने के कारण यहां जल्द ही निर्माण कार्य करवाकर वहां तुलसी आर्ट गैलरी का निर्माण करवाया जाएगा। यहां लिफ्ट, जल मंदिर, महाप्रज्ञ विहार में आचार्य महाश्रमण सभागार का उद्घाटन भी शीघ्र ही करवाया जाना प्रस्तावित है। 8 से 16 वर्ष के बच्चों का तीन दिनी आवासीय संस्कार शिविर भी भवन में शासन श्री मुनि राकेश कुमार के सान्निध्य में लगाया जाएगा। आध्यात्मिक एवं संगीत प्रशिक्षण कार्यशाला भी अब पाक्षिक रूप से शुरू की जाएगी। बहुत ही कम समय सिर्फ 15 दिन में समाज की निर्देशिका तैयार करने के लिए दोनों मुख्य संपादक कन्हैयालाल कोठारी व प्रबंध संपादक विकास हिरण तथा वेबसाइट डिजाइन के लिए आईटी प्रभारी रवि जैन साधुवाद के पात्र हैं जिन्होंने अल्प समय में कार्य पूरा कर दिखाया।
इससे पहले मुनि दीप कुमार ने कहा कि समाजजनों को एकजुट करने और आपस में परिचय कराने का माध्यम पारिवारिक निर्देशिका है। गुरुदेव ने नौ सूत्र दिए जिनमें अंतिम सूत्र साधर्मिक वात्सल्य का है। इससे जुड़ा व्यक्ति अपने आपको आत्म विश्वासी महसूस करता है। इसके होने से टूटन का कोई प्रसंग नहीं होता। एकजुटता का विस्तार होना चाहिए। आज के युग में सामाजिक विघटन हो रहा है इसलिए साधर्मिक वात्सल्य जरूरी हो गया है।
मुनि सुधाकर ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ की पहचान एक आचार्य, एक आचार और एक विचार है। मेवाड़ की धरती शौर्य, बलिदान के लिए प्रसिद्ध है। मेवाड़ की राजधानी उदयपुर तो थी ही लेकिन तेरापंथ धर्मसंघ का उद्भव भी मेवाड़ से ही हुआ है। यूं तो सात वार होते हैं लेकिन अगर आठवां वार (परिवार) ठीक होगा तो सातों वार बहुत अच्छे होंगे। आज समाज को महाभारत की नहीं रामायण की जरूरत है। महाभारत से राजनीति सीखी जा सकती है लेकिन रामायण परिवार का भाईचारा सिखाती है। प्रेम का प्रादुर्भाव परिवार से ही होता है। प्रत्येक महिला चाहती है कि उसका बेटा श्रवण कुमार बने लेकिन क्या कभी किसी महिला ने अपने पति को श्रवण कुमार बने रहने को कहा? यह सोचने का विषय है।
इससे पूर्व सभी अतिथियों का उपरणा, साहित्य व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया। मंगलाचरण शशि चव्हाण व समूह ने प्रस्तुत किया। संचालन सभा के उपाध्यक्ष सुबोध दुग्गड़ ने किया। आभार तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष अभिषेक पोखरना ने व्यक्त किया।