काला धन एवं बेनामी अधिनियम विशय पर यूसीसीआई में सेमिनार
उदयपुर। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एवं चार्टर्ड एकाउण्टेन्ट संजय झंवर ने गत एक जुलाई से केन्द्र सरकार द्वारा लागू बेनामी प्रोपर्टी बिल के बारे में कहा कि इसके अन्तर्गत विदेश में अघोषित सम्पति पर टैक्स के प्रावधान है। इस सम्पति की घोषणा के लिये 30 सितम्बर तक का समय दिया गया है एवं इस पर एप्लीकेबल टैक्स जमा करने के लिये दिनांक 31 दिसम्बर 2015 तक का समय दिया गया है।
वे शनिवार को उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री द्वारा चैम्बर भवन के पीपी सिंघल ऑडिटोरियम में काला धन एवं बेनामी अधिनियम विषय एक परिचर्चात्मक संगोष्ठीच में मुख्य0 वक्तार के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंिने बताया कि इसमें कड़े प्रावधान किये गये है जिनमें 10 साल का कारावास एवं 120 प्रतिशत तक पेनल्टी व टैक्स का प्रावधान है। झंवर ने आम जनता की भ्रांति को दूर करते हुए बताया कि स्विस बैंक नाम का कोई बैंक नहीं है। वास्तव में वे बैंक जिनकी षाखाएं स्विटजरलैंड में है, वे सभी मुख्य रूप से स्विस बैंक कहलाते है।
इसी प्रकार बेनामी प्रॉपर्टी बिल भी इसी महिने लोकसभा में पारित होने की संभावना है जिसमें देश में छुपा काला धन भी टैक्स एवं कड़े प्रावधानों के दायरे में आ जायेगा। सरकार ने ब्लैक मनी एक्ट के संबंध में पिछले ही हफ्ते मुख्य रूप से पूछे जाने वाले 32 प्रश्नो त्तरों की पत्रावली भी जारी की है। श्री झंवर ने आयकरदाताओं को चेताया कि वे ब्लैक मनी प्रावधानों की पालना करके अनेक समस्याओं से बच सकते हैं। संचालन मानद महासचिव जतिन नागौरी ने किया। वरिष्ठम उपाध्यक्ष हंसराज चौधरी ने धन्यवाद दिया।